आपका परिचय

शुक्रवार, 28 सितंबर 2012

228. डॉ. गौरीशंकर श्रीवास्तव ‘पथिक’

डॉ. गौरीशंकर श्रीवास्तव ‘पथिक’

जन्म :  01.07.1939, कीड़गंज, इलाहाबाद (उ.प्र.) में।

शिक्षा :  एम.ए. (हिन्दी), साहित्य रत्न, डी.एच.एम.डी.एन.टी.। भागलपुर से विद्यावाचस्पति की मानद् उपाधि।

लेखन/प्रकाशन/योगदान :  मूलतः कवि, कथा साहित्य में भी कुछ योगदान। 1954 से अनवरत लेखन। अनेकों पत्र-पत्रिकाओं में एक हजार से अधिक कविताएं तथा 50 से अधिक कहानियां प्रकाशित। करीब बाईस काव्य पुस्तकें एवं एक कहानी संग्रह प्रकाशित। म.प्र. आंचलिक साहित्यकार परिषद की प्रान्तीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष होने के साथ कई अन्य संस्थाओं से भी सम्बद्ध। 

सम्मान :  विभिन्न संस्थाओं द्वारा दो दर्जन से अधिक सम्मानों से विभूषित।

सम्पर्क :  पथिक कुटीर, जवाहर नगर, सतना (म.प्र.)
               मोबाइल :  09827625916



अविराम में प्रकाशन  

ब्लॉग संस्करण :  दिसम्बर 2011 अंक में पांच हाइकु।





नोट : १. परिचय के शीर्षक के साथ दी गयी क्रम  संख्या हमारे कंप्यूटर में संयोगवश  आबंटित  आपकी फाइल संख्या है. इसका और कोई अर्थ नहीं है।
२. उपरोक्त परिचय हमें भेजे गए अथवा हमारे द्वारा विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है. किसी भी त्रुटि के लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं. त्रुटि के बारे में रचनाकार द्वारा हमें सूचित करने पर संशोधन कर दिया जायेगा। यदि रचनाकार अपने परिचय में कुछ अन्य सूचना शामिल करना चाहते हैं, तो इसी पोस्ट के साथ के टिपण्णी कॉलम में दर्ज कर सकते हैं। यदि किसी रचनाकार को अपने परिचय के इस प्रकाशन पर आपत्ति हो, तो हमें सूचित कर दें, हम आपका परिचय हटा देंगे।

227. युगल

युगल



जन्म :  1925 की दीपावली को। 

शिक्षा :  बी.ए. (आनर्स) हिंदी, साहित्यरत्न, डिप्लोमा इन एड.। 

लेखन/प्रकाशन/योगदान :  वरिष्ठ साहित्यकार युगल किशोर जी साहित्य में युगल नाम से ही जाने जाते हैं। मूलतः कथाकार युगल जी ने कविता, नाटक एव निबंध के क्षेत्र में भी योगदान किया है। कथा साहित्य में यद्यपि कथा की तीनों विधाओं (उपन्यास, कहानी व लधुकथा) में पर्याप्त योगदान किया है तदापि लघुकथा को विधा के रूप में प्रतिष्ठित करने के प्रयासों की दृष्टि से वह लघुकथा के अग्रणी एवं वरिष्ठ पुरोधाओं में शामिल रहे हैं। लघुकथा के क्षेत्र में उन्होंने लघुकथा-लेखन एवं दिशापरक आलेखों- दोनों ही तरह से योगदान किया है। युगल जी अनेकों प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं के सम्पादन से भी सम्बद्ध रहे हैं और उन्होंने पत्रकारिता में भी उल्लेखनीय योगदान किया है। आपकी प्रकाशित कृतियों में द्विधा, तीर्थयात्रा, अतिक्रमण (उपन्यास); प्रेत और छाया, पथराये चेहरे, धुएं के बीच, समय शेष (कहानी संग्रह); किरचें, जब द्रोपदी नंगी नहीं हुई, फूलों वाली दूब, गर्म रेत, पड़ाव से आगे (लघुकथा संगह); दक्षिणा, लैम्पपोस्ट, गोदना (नाटक); उच्छ्वास, एक यात्रांत के लिए (कविता संग्रह); विमर्श, हिन्दी की ओर (निबन्ध संग्रह) आदि शामिल हैं।

सम्मान :  अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा मानद उपाधियों तथा अलंकरणों से सम्मानित एवं पुरस्कृत।

सम्पर्क :  मोहीउद्दीन नगर, समस्तीपुर-848501 (बिहार)
             फोन :  06278-226807 / मोबाइल :  09631361689



अविराम में प्रकाशन  

मुद्रित अंक :  जनवरी-मार्च 2012 अंक में तीन लघुकथाएं- सत्ता, सिविक सेंस एवं टूटते मिथक।
ब्लाग संस्करण :  मार्च 2012 अंक में लघुकथा ‘सिरफिरा’।



नोट : १. परिचय के शीर्षक के साथ दी गयी क्रम  संख्या हमारे कंप्यूटर में संयोगवश  आबंटित  आपकी फाइल संख्या है. इसका और कोई अर्थ नहीं है।
२. उपरोक्त परिचय हमें भेजे गए अथवा हमारे द्वारा विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है. किसी भी त्रुटि के लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं. त्रुटि के बारे में रचनाकार द्वारा हमें सूचित करने पर संशोधन कर दिया जायेगा। यदि रचनाकार अपने परिचय में कुछ अन्य सूचना शामिल करना चाहते हैं, तो इसी पोस्ट के साथ के टिपण्णी कॉलम में दर्ज कर सकते हैं। यदि किसी रचनाकार को अपने परिचय के इस प्रकाशन पर आपत्ति हो, तो हमें सूचित कर दें, हम आपका परिचय हटा देंगे।