अविराम साहित्यिकी
(समग्र साहित्य की समकालीन त्रैमासिक पत्रिका)
खंड (वर्ष) : 2 / अंक : 3 / अक्टूबर-दिसम्बर 2013 (मुद्रित)
प्रधान सम्पादिका : मध्यमा गुप्ता
अंक सम्पादक : डॉ. उमेश महादोषी
सम्पादन परामर्श : डॉ. सुरेश सपन
मुद्रण सहयोगी : पवन कुमार
अविराम का यह मुद्रित अंक रचनाकारों व सदस्यों को 19 नवंबर 2013 को तथा अन्य सभी सम्बंधित मित्रों-पाठकों को 28 नवम्बर 2013 तक भेजा जा चुका है। 10 दिसम्बर 2013 तक अंक प्राप्त न होने पर सदस्य एवं अंक के रचनाकार अविलम्ब पुन: प्रति भेजने का आग्रह करें। अन्य मित्रों को आग्रह करने पर उनके ई मेल पर पीडीऍफ़ प्रति भेजी जा सकती है। पत्रिका पूरी तरह अव्यवसायिक है, किसी भी प्रकाशित रचना एवं अन्य सामग्री पर पारिश्रमिक नहीं दिया जाता है। इस मुद्रित अंक में शामिल रचना सामग्री और रचनाकारों का विवरण निम्न प्रकार है-
।।सामग्री।।
सिर्फ सन्नाटा नहीं है : निरंजन श्रोत्रिय व बलराम अग्रवाल (5), सुरेन्द्र वर्मा व कुंवर रवीन्द्र (6), सुधा गुप्ता (7), महेश चंद्र पुनेठा (8), सुरेश यादव व किशोर कुमार जैन (9), नारायण सिंह निर्दोष (10), नित्यानंद गायेन (11), राजवन्त राज व रमेश कुमार भद्रावले (12), जितेन्द्र ‘जौहर’ व हरनाम शर्मा (13), रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ व शिव डोयले (14), प्रशान्त उपाध्याय व उषा अग्रवाल ‘पारस’ (15), मिथिलेश दीक्षित व महावीर रवांल्टा (16), माधव नागदा व अनुपमा त्रिपाठी (17), केशव शरण व जयप्रकाश श्रीवास्तव (18), हरकीरत ‘हीर’ (19), राजेश उत्साही (20), जेन्नी शबनम (21), सुरेश सपन व देवेन्द्र शर्मा (22), डी.एम.मिश्र व सीमा स्मृति (23), अनीता ललित व प्रताप सिंह सोढ़ी (24), सुदर्शन रत्नाकर व रतन चंद ‘रत्नेश’ (25), ओमेश परुथी व ज्योत्स्ना शर्मा (26), कैलाश शर्मा (27), वन्दना गुप्ता व भावना सक्सैना (28), रंजना भाटिया व उषा कालिया (29), कमला निखुर्पा व तुहिना रंजन (30), चक्रधर शुक्ल व संतोष सुपेकर (31), पुरुषोत्तम दुबे, शुभदा पाण्डेय व सुभाष लखेड़ा (32), शिवानन्द सिंह ‘सहयोगी’ व श्याम अंकुर (33), मालिनी गौतम व शेर सिंह (34), अशोक ‘आनन’ व सिद्धेश्वर (35), रमा द्विवेदी व प्रेम गुप्ता ‘मानी’ (36), पंकज परिमल व शोभा रस्तोगी शोभा (37), शशि पुरवार व कुँवर प्रेमिल (38), शिवकुटी लाल वर्मा, मीना गुप्ता व राजेन्द्र बहादुर सिंह ‘राजन’ (39), शैलेष गुप्त ‘वीर’ व नरेश कुमार ‘उदास’ (40), पुष्पा मेहरा व के. एल. दिवान (41), राजेन्द्र परदेसी व धर्मेन्द्र गुप्त ‘साहिल’(42), प्रतिभा माही व महावीर उत्तरांचली (43), रामस्वरूप मूँदड़ा, बंशीलाल ‘पारस’ व विवेक चतुर्वेदी (44), अलका मिश्रा ‘कशिश’ व टी. सी. सावन (45) की क्षणिकाएं।
पहचान : डॉ.कमल किशोर गोयनका (46), डॉ.सतीश दुबे (47), डॉ.सुरेंद्र वर्मा (50), रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ (55), जितेन्द्र ‘जौहर’ (60), डॉ. पुरुषोत्तम दुबे (72), नित्यानंद गायेन (75), डॉ. शैलेष गुप्त ‘वीर’ (77), शोभा रस्तोगी शोभा (82) के क्षणिका की दशा और दिशा को रेखांकित करते आलेख।
यह भी रास्ता है : कृष्ण सुकुमार, प्रियंका गुप्ता व गौरीशंकर वैश्य ‘विनम्र’ (84), केवल कृष्ण पाठक, रत्ना वर्मा व ए. कीतिबर्द्धन (85), सुशीला शिवराण, राम नरेश ‘रमन’ व रजनीश त्रिपाठी (86), इन्द्रा किसलय, विजय चतुर्वेदी व हरिश्चन्द्र शाक्य (87), मधु सन्धु, सूर्यकान्त श्रीवास्तव व तपेश भौमिक (88), शरद नारायण खरे, पं.ज्वालाप्रसाद शांडिल्य ‘दिव्य’, मोह. मुइनुद्दीन ‘अतहर’व राम अवतार पाण्डेय (89), कमलेश व्यास ‘कमल’, अंजु दुआ जैमिनी व नरेन्द्र नाथ लाहा (90), सुधीर निगम, ज्योत्सना प्रदीप व सूर्यनारायण गुप्त ‘सूर्य’ (91), कन्हैयालाल अग्रवाल ‘आदाब’, दिलीप भाटिया, गांगेय कमल व पवन बत्रा (92), सुरेश उजाला, रामपाल शर्मा विश्वास, लक्ष्मण लाल योगी व दुर्गा बाजपेई (93), वेद व्यथित, मुखराम माकड़ ‘माहिर’ व कृष्ण मोहन अम्भोज (94), राधेश्याम पाठक ‘उत्तम’, राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ व देवीलाल महिया (95) की क्षणिकाएं।
अपनी-अपनी बात : डॉ.डी.एम. मिश्र (96), डॉ.शरद नारायण खरे (97), चक्रधर शुक्ल (98), रमेश कुमार भद्रावले (99), गुरुनाम सिंह रीहल (99), गौरीशंकर वैश्य ‘विनम्र’ (100), राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ (101) क्षणिका लेखन में अपने अनुभवजन्य विचारों के साथ।
क्षितिज के पार : अप्रवासी अपनों की क्षणिकाएं: अनिल जनविजय व पूर्णिमा वर्मन (102), रचना श्रीवास्तव (103), सुधा ओम ढींगरा व भावना कुँअर (104), शशि पाधा (105), मंजु मिश्रा (106), डॉ. अनीता कपूर (107)।
कैनवस : सुरेन्द्र वर्मा, सुरेश यादव, अनिल जनविजय, नारायण सिंह निर्दोष व नित्यानन्द गायेन की एक-एक चयनित क्षणिका पर डॉ.योगेन्द्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ के समग्र आलेख के साथ क्रमशः डॉ.सुधा गुप्ता, हरनाम शर्मा, डॉ.बलराम अग्रवाल, प्रशान्त उपाध्याय एवं डॉ.ज्योत्सना शर्मा की समीक्षात्मक टिप्पणियाँ। (108-113)।
उदाहरण : बीस वरिष्ठ कवियों के रचना संसार से क्षणिका के कुछ उदाहरणों के साथ रूसी कवयित्री ‘वेरा पावलोवा’ की कवि सिद्धेश्वर सिंह द्वारा अनूदित कुछ क्षणिकाएं। (114-116)।
स्तम्भ :
माइक पर (2) : उमेश महादोषी का संपादकीय।
चिट्ठियां (117) : गत अंक पर पाठकों के चयनित पत्रांश।
गतिविधियां (119) : गत अवधि के प्राप्त साहित्यिक गतिविधियों की संक्षिप्त रिपोर्ट्स/समाचार।
प्राप्ति स्वीकार (आवरण-3, 76, 81) : गत अवधि के दौरान प्राप्त पुस्तकों एवं पत्रिकाओं का विवरण।
इस अंक की साफ्ट (पीडीऍफ़) प्रति ई मेल (umeshmahadoshi@gmail.com) अथवा (aviramsahityaki@gmail.com) से मंगायी जा सकती है।
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(समग्र साहित्य की समकालीन त्रैमासिक पत्रिका)
अंक सम्पादक : डॉ. उमेश महादोषी
सम्पादन परामर्श : डॉ. सुरेश सपन
मुद्रण सहयोगी : पवन कुमार
यह अंक :
क्षणिका : सृजन, समीक्षा और पहचान
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आवरण : श्री के.रविन्द्र |
अविराम का यह मुद्रित अंक रचनाकारों व सदस्यों को 19 नवंबर 2013 को तथा अन्य सभी सम्बंधित मित्रों-पाठकों को 28 नवम्बर 2013 तक भेजा जा चुका है। 10 दिसम्बर 2013 तक अंक प्राप्त न होने पर सदस्य एवं अंक के रचनाकार अविलम्ब पुन: प्रति भेजने का आग्रह करें। अन्य मित्रों को आग्रह करने पर उनके ई मेल पर पीडीऍफ़ प्रति भेजी जा सकती है। पत्रिका पूरी तरह अव्यवसायिक है, किसी भी प्रकाशित रचना एवं अन्य सामग्री पर पारिश्रमिक नहीं दिया जाता है। इस मुद्रित अंक में शामिल रचना सामग्री और रचनाकारों का विवरण निम्न प्रकार है-
।।सामग्री।।
सिर्फ सन्नाटा नहीं है : निरंजन श्रोत्रिय व बलराम अग्रवाल (5), सुरेन्द्र वर्मा व कुंवर रवीन्द्र (6), सुधा गुप्ता (7), महेश चंद्र पुनेठा (8), सुरेश यादव व किशोर कुमार जैन (9), नारायण सिंह निर्दोष (10), नित्यानंद गायेन (11), राजवन्त राज व रमेश कुमार भद्रावले (12), जितेन्द्र ‘जौहर’ व हरनाम शर्मा (13), रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ व शिव डोयले (14), प्रशान्त उपाध्याय व उषा अग्रवाल ‘पारस’ (15), मिथिलेश दीक्षित व महावीर रवांल्टा (16), माधव नागदा व अनुपमा त्रिपाठी (17), केशव शरण व जयप्रकाश श्रीवास्तव (18), हरकीरत ‘हीर’ (19), राजेश उत्साही (20), जेन्नी शबनम (21), सुरेश सपन व देवेन्द्र शर्मा (22), डी.एम.मिश्र व सीमा स्मृति (23), अनीता ललित व प्रताप सिंह सोढ़ी (24), सुदर्शन रत्नाकर व रतन चंद ‘रत्नेश’ (25), ओमेश परुथी व ज्योत्स्ना शर्मा (26), कैलाश शर्मा (27), वन्दना गुप्ता व भावना सक्सैना (28), रंजना भाटिया व उषा कालिया (29), कमला निखुर्पा व तुहिना रंजन (30), चक्रधर शुक्ल व संतोष सुपेकर (31), पुरुषोत्तम दुबे, शुभदा पाण्डेय व सुभाष लखेड़ा (32), शिवानन्द सिंह ‘सहयोगी’ व श्याम अंकुर (33), मालिनी गौतम व शेर सिंह (34), अशोक ‘आनन’ व सिद्धेश्वर (35), रमा द्विवेदी व प्रेम गुप्ता ‘मानी’ (36), पंकज परिमल व शोभा रस्तोगी शोभा (37), शशि पुरवार व कुँवर प्रेमिल (38), शिवकुटी लाल वर्मा, मीना गुप्ता व राजेन्द्र बहादुर सिंह ‘राजन’ (39), शैलेष गुप्त ‘वीर’ व नरेश कुमार ‘उदास’ (40), पुष्पा मेहरा व के. एल. दिवान (41), राजेन्द्र परदेसी व धर्मेन्द्र गुप्त ‘साहिल’(42), प्रतिभा माही व महावीर उत्तरांचली (43), रामस्वरूप मूँदड़ा, बंशीलाल ‘पारस’ व विवेक चतुर्वेदी (44), अलका मिश्रा ‘कशिश’ व टी. सी. सावन (45) की क्षणिकाएं।
पहचान : डॉ.कमल किशोर गोयनका (46), डॉ.सतीश दुबे (47), डॉ.सुरेंद्र वर्मा (50), रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ (55), जितेन्द्र ‘जौहर’ (60), डॉ. पुरुषोत्तम दुबे (72), नित्यानंद गायेन (75), डॉ. शैलेष गुप्त ‘वीर’ (77), शोभा रस्तोगी शोभा (82) के क्षणिका की दशा और दिशा को रेखांकित करते आलेख।
यह भी रास्ता है : कृष्ण सुकुमार, प्रियंका गुप्ता व गौरीशंकर वैश्य ‘विनम्र’ (84), केवल कृष्ण पाठक, रत्ना वर्मा व ए. कीतिबर्द्धन (85), सुशीला शिवराण, राम नरेश ‘रमन’ व रजनीश त्रिपाठी (86), इन्द्रा किसलय, विजय चतुर्वेदी व हरिश्चन्द्र शाक्य (87), मधु सन्धु, सूर्यकान्त श्रीवास्तव व तपेश भौमिक (88), शरद नारायण खरे, पं.ज्वालाप्रसाद शांडिल्य ‘दिव्य’, मोह. मुइनुद्दीन ‘अतहर’व राम अवतार पाण्डेय (89), कमलेश व्यास ‘कमल’, अंजु दुआ जैमिनी व नरेन्द्र नाथ लाहा (90), सुधीर निगम, ज्योत्सना प्रदीप व सूर्यनारायण गुप्त ‘सूर्य’ (91), कन्हैयालाल अग्रवाल ‘आदाब’, दिलीप भाटिया, गांगेय कमल व पवन बत्रा (92), सुरेश उजाला, रामपाल शर्मा विश्वास, लक्ष्मण लाल योगी व दुर्गा बाजपेई (93), वेद व्यथित, मुखराम माकड़ ‘माहिर’ व कृष्ण मोहन अम्भोज (94), राधेश्याम पाठक ‘उत्तम’, राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ व देवीलाल महिया (95) की क्षणिकाएं।
अपनी-अपनी बात : डॉ.डी.एम. मिश्र (96), डॉ.शरद नारायण खरे (97), चक्रधर शुक्ल (98), रमेश कुमार भद्रावले (99), गुरुनाम सिंह रीहल (99), गौरीशंकर वैश्य ‘विनम्र’ (100), राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ (101) क्षणिका लेखन में अपने अनुभवजन्य विचारों के साथ।
क्षितिज के पार : अप्रवासी अपनों की क्षणिकाएं: अनिल जनविजय व पूर्णिमा वर्मन (102), रचना श्रीवास्तव (103), सुधा ओम ढींगरा व भावना कुँअर (104), शशि पाधा (105), मंजु मिश्रा (106), डॉ. अनीता कपूर (107)।
कैनवस : सुरेन्द्र वर्मा, सुरेश यादव, अनिल जनविजय, नारायण सिंह निर्दोष व नित्यानन्द गायेन की एक-एक चयनित क्षणिका पर डॉ.योगेन्द्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ के समग्र आलेख के साथ क्रमशः डॉ.सुधा गुप्ता, हरनाम शर्मा, डॉ.बलराम अग्रवाल, प्रशान्त उपाध्याय एवं डॉ.ज्योत्सना शर्मा की समीक्षात्मक टिप्पणियाँ। (108-113)।
उदाहरण : बीस वरिष्ठ कवियों के रचना संसार से क्षणिका के कुछ उदाहरणों के साथ रूसी कवयित्री ‘वेरा पावलोवा’ की कवि सिद्धेश्वर सिंह द्वारा अनूदित कुछ क्षणिकाएं। (114-116)।
स्तम्भ :
माइक पर (2) : उमेश महादोषी का संपादकीय।
चिट्ठियां (117) : गत अंक पर पाठकों के चयनित पत्रांश।
गतिविधियां (119) : गत अवधि के प्राप्त साहित्यिक गतिविधियों की संक्षिप्त रिपोर्ट्स/समाचार।
प्राप्ति स्वीकार (आवरण-3, 76, 81) : गत अवधि के दौरान प्राप्त पुस्तकों एवं पत्रिकाओं का विवरण।
साथ में आवरण-तीन पर सुप्रसिद्ध कवि श्री रमेश चन्द्र शाह की क्षणिका पर आधारित सुप्रसिद्ध चित्रकार श्री बी.मोहन नेगी का क्षणिका पोस्टर।
इस अंक की साफ्ट (पीडीऍफ़) प्रति ई मेल (umeshmahadoshi@gmail.com) अथवा (aviramsahityaki@gmail.com) से मंगायी जा सकती है।