बृजमोहन श्रीवास्तव
जन्म : राधोगढ़ तहसील, जिला गुना (म.प्र.) में। शिक्षा : विधि स्नातक, आयुर्वेद रत्न ।
साहित्यिक योगदान : बृज मोहन श्रीवास्तव जी मूलत: व्यंग्यकार हैं। उनका अपनी बात कहने का अंदाज अपना ही है। उनके व्यंग्यालेखो के पाठक को कभी गुदगुदाने वाले हास्य की अनुभूति होती है तो कभी व्यंग्य की चुभन! समाज के तमाम अंतर्विरोधों को उन्होंने अपने व्यंग्यों से उजागर किया है।
लेखन,प्रकाशन एवं संपादन : पत्र-पत्रिकाओं में बृज मोहन जी के व्यंग्यों का प्रकाशन तो होता ही रहा है, इन्दोर के समाचार पत्र 'नई दुनियां' के "अधबीच" स्तम्भ में वह नियमित स्तंभकार के तौर पर व्यंग्य लिखते रहे हैं। उनके इन्हीं व्यंग्यों का संग्रह 'कुछ-कुछ नहीं बहुत कुछ होता है' प्रकाशित हो चुका है।
सम्प्रति :
सम्पर्क : स्थाई : बोहरा बगीचा, गुना(म.प्र.)
२. उपरोक्त परिचय हमें भेजे गए अथवा हमारे द्वारा विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है. किसी भी त्रुटि के लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं. त्रुटि के बारे में रचनाकार द्वारा हमें सूचित करने पर संशोधन कर दिया जायेगा। यदि रचनाकार अपने परिचय में कुछ अन्य सूचना शामिल करना चाहते हैं, तो इसी पोस्ट के साथ के टिपण्णी कॉलम में दर्ज कर सकते हैं। यदि किसी रचनाकार को अपने परिचय के इस प्रकाशन पर आपत्ति हो, तो हमें सूचित कर दें, हम आपका परिचय हटा देंगे।
वर्तमान : ऍफ़- 63, ऑफिसर्स कालोनी, रतलाम (म.प्र.)
अविराम में आपकी रचनाओं का प्रकाशन
मुद्रित प्रारूप : अंक : मार्च २०११ /व्यंग्यालेख 'कच्चे तिनके-पक्के तिनके' (पृष्ठ ३६)
ब्लॉग प्रारूप (अविराम विस्तारित) : सितम्बर २०११/व्यंग्यालेख 'ब्लॉग पर टिप्पणियां '
नोट : १. परिचय के शीर्षक के साथ दी गयी क्रम संख्या हमारे कंप्यूटर में संयोगवश आबंटित आपकी फाइल संख्या है. इसका और कोई अर्थ नहीं है। आपका फोटो प्राप्त होने पर शामिल कर लिया जायेगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें