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रविवार, 6 जुलाई 2014

अविराम विस्तारित

अविराम का ब्लॉग :  वर्ष :03, अंक : 09-10,  मई-जून 2014 

।।संभावना।।

सामग्री :  इस बार प्रस्तुत हैं उभरती हुई कवयित्री कमलेश चौरसिया जी अपने कुछ हाइकु  के साथ।  


कमलेश चौरसिया




पाँच हाइकु


01.
तिनका लिए
चिड़िया थक गयी
डाली ना मिली
02.
चेत गांधारी
दुशासन उगे हैं
उघाड़ पट्टी
03.
अभिलाषायें
छाया चित्र : रामेश्वर काम्बोज हिमांशु 

पंख लगा उड़ती
दाना चुगती
04.
ठिठक सुनें
गूंज रही ऋचाएँ
राम हो जायें
05.
अटरिया में
शब्द-शब्द आँखों का 
बिछुआ बाजे

  • गिरीश-201, डब्ल्यू.एच.सी. रोड, धरमपेठ, नागपुर-440010 (महारष्ट्र)

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