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शनिवार, 22 सितंबर 2018

अविराम विस्तारित

अविराम  ब्लॉग संकलन,  वर्ष  :  7,   अंक  :  11-12,  जुलाई-अगस्त 2018 


।।कविता अनवरत।।   


हितेश व्यास






ग़ज़ल 

सारी उम्र बनाते रहते हम मिट्टी के घर
सारी उम्र सजाते रहते हम मिट्टी के घर

सचमुच की ये दुनिया उजड़ी जाने कितनी बार
सारी उम्र बचाते रहते हम मिट्टी के घर

रेखाचित्र : डॉ. सुरेंद्र वर्मा 

खाम खयाली में ही काटा हमने ये जीवन
सारी उम्र मिटाते रहते हम मिट्टी के घर

पानी का बस एक बुलबुला जीवन का सच है
सारी उम्र बताते रहते हम मिट्टी के घर

ताजमहल की हमने यारो ऐसे रक्षा की
सारी उम्र लुटाते रहते हम मिट्टी के घर
  • 6 ए/705, कल्पतरु सेरेनिटी, महादेव नगर, माँजरी, पुर्ण-412307, महा./मो. 09730987500

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