अविराम ब्लॉग संकलन, वर्ष : 6, अंक : 11-12, जुलाई-अगस्त 2017
अशफाक अहमद
एक ज़ख्म और सही
तुम यहाँ क्यों आती हो?तुमसे मिलने....।
परन्तु रोजाना आने का कारण?
मैं नहीं जानती। लेकिन यह सच है कि आपसे मिलने के बाद मेरे मन को शान्ति मिलती है और मैं सुकून महसूस करती हूँ।
सुनो, यह पागलों की तरह बातें न करो। मैंने प्रेम से तौबा कर ली है। यूँ भी मेरे दिल में कई दर्द पल रहे हैं। मेरा दिल जख़्मों से चूर है।
मैं जानती हूँ, इसीलिए उन जख़्मों को भरने के लिए कह रही हूँ एक जख़्म और सही।
- 41-ए, टीचर्स कॉलोनी, मर्कज-ए-इस्लामी के सामने, जफर नगर, नागपुर-440013, महा./मो. 09422810574
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