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सोमवार, 27 फ़रवरी 2012

अविराम विस्तारित


अविराम का ब्लॉग :  वर्ष : १, अंक : ०६, फरवरी  २०१२ 


।। संभावना।।  

सामग्री : अर्जुन सिंह ‘तन्हा’ अपनी कविता के साथ 





अर्जुन सिंह ‘तन्हा’


ये दिल उसका दीवाना है
दृश्य  छाया चित्र : अभिशक्ति 


मुझसे बिल्कुल अनजाना है
ये दिल उसका दीवाना है


इस दिल को कैसे समझाऊँ
ये सारा जग बेगाना है


इश्क है एक गहरा दरिया
डूबे तो मर ही जाना है


फूलों का भी प्यार अमर कब
खिलना है, मुरझा जाना है 


प्यार किया तो हंसके कह दे
दुनियां से क्या घबराना है


तेरा मेरा अब क्या बाकी
‘तन्हा’ दिल को समझाना है



  • ग्राम-परसिया, बिसौली, जिला-बदायूं  (उ.प्र.)


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