डॉ. विद्याभूषण
जन्म : 05.09.1940।
शिक्षा : पी-एच.डी. तक।
लेखन/प्रकाशन/योगदान : अध्यापन, व्यवसाय, खेती, पत्रकारिता आदि के क्षेत्रों में भरपूर योगदान के बाद समाज, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्रों में दिशाखोजी गतिविधियों के मध्य सृजन और विचार की शब्द-यात्रा जारी। क्रमशः, अभिज्ञान, प्रसंग एवं वर्तमान संदर्भ जैसी पत्रिकाओं के साथ कई महत्वपूर्ण पुस्तकों का सम्पादन कर चुके आद0 विद्याभूषण जी की कविता (सिर्फ सोलह सफे, अतिपूर्वा, सीढ़ियों पै धूप, इंधन चुनते हुए, आग के आसपास, इंधन और आग के बीच, बीस सुरों की सदी, पठार को सुनो), गीत (मन एक जंगल है, लब पर लय की लौ, एक्सप्रेशन), कहानी (कोरस, कोरस वाली गली, नायाब नर्सरी), नाटक, आलोचना एवं समाज दर्शन पर लगभग डेढ़ दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। आपकी रचनाओं का गुजराती, तेलगू, कुडुख और नागपुरी भाषाओं में अनुवाद भी हुआ है। दैनिक देशप्राण एवं झारखंड जागरण के सम्पादन से भी सम्बद्ध रहे हैं।
सम्पर्क : प्रतिमान प्रकाशन, शिवशक्ति लेन, किशोरगंज, हरमू पथ, रांची-834001 (झार0)
फोन : 09955161422
ई मेल : vidhybhushan@gmail.com
अविराम में आपकी रचनाओं का प्रकाशन
नोट : १. परिचय के शीर्षक के साथ दी गयी क्रम संख्या हमारे कंप्यूटर में संयोगवश आबंटित आपकी फाइल संख्या है. इसका और कोई अर्थ नहीं है।२. उपरोक्त परिचय हमें भेजे गए अथवा हमारे द्वारा विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है. किसी भी त्रुटि के लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं. त्रुटि के बारे में रचनाकार द्वारा हमें सूचित करने पर संशोधन कर दिया जायेगा। यदि रचनाकार अपने परिचय में कुछ अन्य सूचना शामिल करना चाहते हैं, तो इसी पोस्ट के साथ के टिपण्णी कॉलम में दर्ज कर सकते हैं। यदि किसी रचनाकार को अपने परिचय के इस प्रकाशन पर आपत्ति हो, तो हमें सूचित कर दें, हम आपका परिचय हटा देंगे।
जन्म : 05.09.1940।
शिक्षा : पी-एच.डी. तक।
लेखन/प्रकाशन/योगदान : अध्यापन, व्यवसाय, खेती, पत्रकारिता आदि के क्षेत्रों में भरपूर योगदान के बाद समाज, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्रों में दिशाखोजी गतिविधियों के मध्य सृजन और विचार की शब्द-यात्रा जारी। क्रमशः, अभिज्ञान, प्रसंग एवं वर्तमान संदर्भ जैसी पत्रिकाओं के साथ कई महत्वपूर्ण पुस्तकों का सम्पादन कर चुके आद0 विद्याभूषण जी की कविता (सिर्फ सोलह सफे, अतिपूर्वा, सीढ़ियों पै धूप, इंधन चुनते हुए, आग के आसपास, इंधन और आग के बीच, बीस सुरों की सदी, पठार को सुनो), गीत (मन एक जंगल है, लब पर लय की लौ, एक्सप्रेशन), कहानी (कोरस, कोरस वाली गली, नायाब नर्सरी), नाटक, आलोचना एवं समाज दर्शन पर लगभग डेढ़ दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। आपकी रचनाओं का गुजराती, तेलगू, कुडुख और नागपुरी भाषाओं में अनुवाद भी हुआ है। दैनिक देशप्राण एवं झारखंड जागरण के सम्पादन से भी सम्बद्ध रहे हैं।
सम्पर्क : प्रतिमान प्रकाशन, शिवशक्ति लेन, किशोरगंज, हरमू पथ, रांची-834001 (झार0)
फोन : 09955161422
ई मेल : vidhybhushan@gmail.com
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मुद्रित प्रारूप : सितम्बर-दिसंबर २०१० अंक मेंएक कविता 'अगले गणतंत्र का मंत्र' एवं एक नवगीत 'एक अंजुरी जल'
ब्लॉग प्रारूप (अविराम विस्तारित) : अक्टूबर २०११ अंक में सात व्यंग्य दोहे
नोट : १. परिचय के शीर्षक के साथ दी गयी क्रम संख्या हमारे कंप्यूटर में संयोगवश आबंटित आपकी फाइल संख्या है. इसका और कोई अर्थ नहीं है।
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