अविराम का ब्लॉग : वर्ष : 2, अंक :7, मार्च 2013
।। संभावना।।
विष्णु कुमार शर्मा ‘कुमार’
धरती का श्रृंगार करें
पर्यावरण प्रदूषण का हम, सब मिलकर उपचार करें।
वृक्ष लगायें हम सब मिलकर, धरती का शृृंगार करें।
हरी-भरी हो परती-धरती, अपनी वन आच्छादित हो।
शहर-गांव हो निर्मल-सुन्दर, मन सबके आह्लादित हो।
छाँह मिले संतप्त हृदय को, वातावरण तैयार करें।।
वृक्ष लगायें ........
जन्म दिवस अरु ब्याह दिवस पर, पौधा एक लगायें हम।
हर आंगन में तुलसी पौधा, सुन्दर सुखद लगायें हम।
बरगद, पीपल, नीम, आम के सुन्दर तरु तैयार करें।।
वृक्ष लगायें ........
सुखदा उपवन और वाटिका, सींचे पुष्प लगायें हम।
देख-भाल करके पुत्रों सी, धरती सुखद बनायें हम।
पुष्प वाटिका हो मन-मोहक, हम तरुओं से प्यार करें।।
वृक्ष लगायें ........
लता, पुष्प, गुल्मों से सुन्दर, सावन धरती पर लायें।
वृक्ष गंगा अभियान चलाकर, तरुओं को खूब लगायें।
सृजन शक्ति संयुक्त लगाकर, स्वप्न सभी साकार करें।।
वृक्ष लगायें ........
।। संभावना।।
सामग्री : विष्णु कुमार शर्मा 'कुमार' अपनी एक कविता के साथ।
विष्णु कुमार शर्मा ‘कुमार’
धरती का श्रृंगार करें
पर्यावरण प्रदूषण का हम, सब मिलकर उपचार करें।
वृक्ष लगायें हम सब मिलकर, धरती का शृृंगार करें।
हरी-भरी हो परती-धरती, अपनी वन आच्छादित हो।
शहर-गांव हो निर्मल-सुन्दर, मन सबके आह्लादित हो।
छाँह मिले संतप्त हृदय को, वातावरण तैयार करें।।
वृक्ष लगायें ........
जन्म दिवस अरु ब्याह दिवस पर, पौधा एक लगायें हम।
छाया चित्र : रोहित काम्बोज |
हर आंगन में तुलसी पौधा, सुन्दर सुखद लगायें हम।
बरगद, पीपल, नीम, आम के सुन्दर तरु तैयार करें।।
वृक्ष लगायें ........
सुखदा उपवन और वाटिका, सींचे पुष्प लगायें हम।
देख-भाल करके पुत्रों सी, धरती सुखद बनायें हम।
पुष्प वाटिका हो मन-मोहक, हम तरुओं से प्यार करें।।
वृक्ष लगायें ........
लता, पुष्प, गुल्मों से सुन्दर, सावन धरती पर लायें।
वृक्ष गंगा अभियान चलाकर, तरुओं को खूब लगायें।
सृजन शक्ति संयुक्त लगाकर, स्वप्न सभी साकार करें।।
वृक्ष लगायें ........
- वेदनगर-उस्मानपुर, बाराबंकी-225120, उ.प्र.
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