अविराम ब्लॉग संकलन, वर्ष : 6, अंक : 05-06, जनवरी-फ़रवरी 2017
डॉ. सुषमा सिंह
हाइकु
01. 
होली तो हो ली
चौराहे दंगा हुआ
चली है गोली।
02. 
बजे मृदंग
नाचते ताता थैया
बढ़े उमंग।
03. 
धूप बढ़ी है
पानी से खेली होली
|  | 
| रेखाचित्र : कमलेश चौरसिया | 
भंग चढ़ी है।
04. 
मन बाँसुरी
थिरके अंग-अंग
बजे मृदंग।
05. 
प्रीति का छन्द
आस की राग पर
भरे उमंग।
- 8/153/आई/1, न्यू लॉयर्स कॉलोनी, आगरा-282005,उ.प्र./मोबा. 09358195345
 
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