आपका परिचय

रविवार, 30 सितंबर 2018

अविराम विस्तारित

अविराम  ब्लॉग संकलन,  वर्ष  :  08,   अंक  :  01-02,   सितम्बर-अक्टूबर 2018 


।।कविता अनवरत।।


रमेश चन्द्र शर्मा ‘चन्द्र’




गीतिका

क्या तेरी क्या मेरी सत्ता
धनपतियों की चेरी सत्ता

जनता का धन जनता के हित
करती हेरा फेरी सत्ता

टाल नहीं पाती प्रश्नों को
जब विपक्ष ने घेरी सत्ता

मजदूरों के घर पर रौनक
लगती बहुत उजेरी सत्ता

सुनता कोई नहीं किसी की
रेखाचित्र : शशिभूषण बडोनी 
दिन में लगी अँधेरी सत्ता

ध्यान रखे कृषकों-श्रमिकों का
सोती खाट खरैरी सत्ता

हाथ बड़े लम्बे सत्ता के
डाले जाल मछेरी सत्ता

जनता का आक्रोश फूटता
जब करती है देरी सत्ता



  • डी 4, मोहनकृपा हाउसिंग सोसायटी (उदय), बैजलपुर, अहमदाबाद-380015, गुज.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें