अविराम साहित्यिकी
प्रधान सम्पादिका : मध्यमा गुप्ता
(समग्र साहित्य की समकालीन त्रैमासिक पत्रिका)
खंड (वर्ष) : 1/ अंक : 4 / जनवरी-मार्च 2013
अंक सम्पादक : डा. उमेश महादोषी
सम्पादन परामर्श : डॉ. सुरेश सपन
मुद्रण सहयोगी : पवन कुमार
मुद्रण सहयोगी : पवन कुमार
अविराम का यह मुद्रित अंक रचनाकारों व सदस्यों को 19 फरवरी 2013 को तथा अन्य सभी सम्बंधित मित्रों-पाठकों को 28 फरवरी 2013 तक भेजा जा चुका है। अंक प्राप्त न होने पर सदस्य एवं अंक के रचनाकार अविलम्ब पुन: प्रति भेजने का आग्रह करें। अन्य मित्रों को आग्रह करने पर उनके ई मेल पर पीडीऍफ़ प्रति भेजी जा सकती है। पत्रिका पूरी तरह अव्यवसायिक है, किसी भी प्रकाशित रचना एवं अन्य सामग्री पर पारिश्रमिक नहीं दिया जाता है। इस मुद्रित अंक में शामिल रचना सामग्री और रचनाकारों का विवरण निम्न प्रकार है-
।।सामग्री।।
लघुकथा के स्तम्भ : डॉ. शकुन्तला किरण (3), श्याम सुन्दर अग्रवाल (6), प्रतापसिंह सोढ़ी (8)।
कविता अनवरत-1 : भगवान अटलानी/हृदयेश्वर (10), राजेन्द्र नाथ ‘रहबर’/सुरेन्द्र दीप (11), रामस्वरूप मूँदड़ा/अशोक अंजुम (12), अमृत लाल मदान/हरिश्चन्द्र शाक्य (13), डॉ. किशन तिवारी/ख़याल खन्ना (14), डॉ. राम अवतार पाण्डेय/राम नरेश ‘रमन’(15) की काव्य रचनाएँ।
मेरी लघुकथा यात्रा : डॉ. बलराम अग्रवाल (16)।
विमर्श : कालजयी रचनाओं के सृजेता डॉ. ‘निशंक’/डॉ. योगेन्द्र नाथ शर्मा ‘अरुण’(20), काव्य और छन्द अलग-अलग हैं/डा. ओम्प्रकाश भाटिया ‘अराज’ व डा. उमेश महादोषी की बातचीत (23), लघुकथा की बात और आत्म वक्तव्य/डॉ. पुरुषोत्तम दुबे (24)
आहट : अनिल जनविजय/डॉ. सुरेन्द्र वर्मा/अनिता ललित की क्षणिकाएँ (26)।
बहस : ‘साहित्य और भाषा की शुद्धता व संस्कार’ पर राजाराम भादू (27)/अजय चंद्रवंशी (29)/खेमकरण सोमन (30)/चन्द्राजीराव इंगले (32) के विचार।
कविता के हस्ताक्षर : डॉ. जेन्नी शबनम (34)।
कथा कहानी : क्या मनु लौटेगा?/विजय (37) व शन्नो/निर्मला सिंह (42)।
व्यंग्य वाण : यह दुनिया पागलखाना/प्रो.शामलाल कौशल(49) अफ़सर बोला/गोविन्द चावला ‘सरल’(50)।
कविता अनवरत-2 : तोबदन/मुखराम माकड़ ‘माहिर’ (51), शिवशंकर यजुर्वेदी/मनोहर चमोली ‘मनु’ (52), विनीत जौहरी ‘बदायूँनी’/बरुण कुमार चन्द्रा (53), ब्रह्मानन्द झा/मनु महरबान/अशोक भारती देहलवी (54) व श्याम झँवर ‘श्याम’ (55) की काव्य रचनाएँ।
कथा प्रवाह : डॉ. बलराम अग्रवाल (56), सुधा शुक्ला/ललित नारायण उपाध्याय(57), पुष्पा जमुआर/मनोज सेवलकर (58), डॉ. सुरेन्द्र गुप्त (59), डॉ. उषा उप्पल (60), डॉ. मनोहर शर्मा ‘माया’ (60), राधेश्याम पाठक ‘उत्तम’(61) की लघुकथाएँ।
किताबें : कई पड़ावों से गुजरता आदमी/सुभाष नीरव के लघुकथा संग्रह ‘सफर में आदमी‘ की निरुपमा कपूर द्वारा (62); सार्थक जीवन जीने की प्रेरणा देते ताँका/डॉ रमाकान्त श्रीवास्तव के ताँका संग्रह ‘जियें, जीने दे’ की अमरेन्द्र कुमार पाल द्वारा (63); जीवन गति के गीत/स्व. चन्द्रपाल शर्मा ‘शीलेश’ के गीत संग्रह की डॉ. सूर्यप्रसाद शुक्ल द्वारा (64); जज़्बे और जीवनानुभवों से गुज़रती शायरी/ स्व.पं. मेलाराम ‘वफ़ा’ के ग़ज़ल संग्रह ‘संगे-मील’ (65), स्त्री और प्रकृति की कविताएँ/डॉ. सुरेन्द्र वर्मा के काव्य संग्रह ‘उसके लिए’ (66), गहरे तक प्रभावित करती ग़ज़लें/चन्द्रभान भारद्वाज के ग़ज़ल संग्रह ‘हथेली पर अँगारे’ (67), मनुष्य के मनोभावों की ग़ज़लें/डॉ. नलिन के ग़ज़ल संग्रह ‘चाँद निकलता तो होगा’ (67), यथार्थ की रचनात्मक कहानियाँ/के.एल. दिवान संपादित कहानी संकलन ‘आवाज़ लगाती जिन्दगी‘ (68) की डा. उमेश महादोषी द्वारा संक्षिप्त समीक्षाएँ।
माइक पर :
उमेश महादोषी का सम्पादकीय (आवरण 2)।
हमारे आजीवन सदस्य :
अविराम साहित्यकी के आजीवन सदस्यों की सूची (5)।
चिट्ठियाँ :
विगत अंक पर प्रतिक्रियाएं (69)।
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संक्षिप्त साहित्यिक समाचार (72)।
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त्रैमास में प्राप्त विविध प्रकाशनों की सूचना (75)।
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