अविराम ब्लॉग संकलन : वर्ष : १, अंक : 10, जून 2012
कृपया सम्बंधित सामग्री के पृष्ठ पर जाने के लिए स्तम्भ के साथ कोष्ठक में दिए लिंक पर क्लिक
------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
प्रधान संपादिका : मध्यमा गुप्ता
संपादक : डॉ. उमेश महादोषी (मोबाइल : ०९४१२८४२४६७ )
संपादन परामर्श : डॉ. सुरेश सपन
ई मेल : aviramsahityaki@gmail.com
करें ।
अविराम विस्तारित :
काव्य रचनाएँ {कविता अनवरत} : इस अंक में डॉ. श्याम सखा ‘श्याम’, डॉ. रामसनेही लाल शर्मा ‘यायावर’, जगन्नाथ ‘विश्व’, डॉ. मधुर नज्मी, राजेन्द्र बहादुर सिंह ‘राजन’, कृष्ण स्वरूप शर्मा ‘मैथिलेन्द्र’, डॉ. डी. एम. मिश्र, नरेश हमिलपुरकर, ज्ञानेन्द्र साज, ललित फरक्या ‘पार्थ’, नरेन्द श्रीवास्तव व मुकेश मणिकांचन की काव्य रचनाएँ।
लघुकथाएं {कथा प्रवाह} : इस अंक में डॉ. सतीश दुबे, डॉ. रामकुमार घोटड़, दिनेश चन्द्र दुबे , ऊषा अग्रवाल, पंकज शर्मा, मोह. मुइनुद्दीन ‘अतहर’, किशन लाल शर्मा एवं बालकृष्ण गुप्ता ‘गुरु’ की लघुकथाएं।
क्षणिकाएं {क्षणिकाएँ} : इस अंक में महावीर रवांल्टा व मीना गुप्ता की क्षणिकाएं।
हाइकु व सम्बंधित विधाएं {हाइकु व सम्बन्धित विधाएँ} : इस अंक में डॉ. सुधा गुप्ता, रामेश्वर काम्बोज हिमांशु, डॉ. श्याम सुन्दर दीप्ति, डॉ. मिथिलेश दीक्षित, डॉ. उर्मिला अग्रवाल, डॉ. सतीशराज पुष्करणा, डॉ. अनीता कपूर, कमला निखुर्पा, सुभाष नीरव, डॉ. जेन्नी शबनम, डॉ. भावना कुँअर, मंजू मिश्रा, रचना श्रीवास्तव, डॉ. हरदीप कौर सन्धु एवं प्रगीत कुँअर के तांका।
जनक व अन्य सम्बंधित छंद {जनक व अन्य सम्बन्धित छन्द} : इस अंक में मुखराम माकड़ ‘माहिर’ व हरिश्चन्द्र शाक्य के जनक छंद।
व्यंग्य रचनाएँ {व्यंग्य वाण} : इस अंक में ललित नारायण उपाध्याय का व्यंग्यालेख 'हे पटवारी! तुष्टिमान हों, प्रसन्न हों'।
अविराम विमर्श {अविराम विमर्श} : अविराम साहित्यिकी के इस अंक में वरिष्ठ लघुकथा चिन्तक श्री बलराम अग्रवाल से सुश्री शोभा भारती की बातचीत।
अविराम के रचनाकार {अविराम के रचनाकार} : अविराम के पचास और रचनाकारों का परिचय।
।।मेरा पन्ना/उमेश महादोषी।।
- अविराम साहित्यिकी का दिसम्बर 2012 मुद्रित अंक ‘लघुकथा विशेषांक’ होगा, जिसके अतिथि सम्पादक हैं वरिष्ठ लघुकथाकार एवं चिन्तक-समालोचक आदरणीयडॉ. बलराम अग्रवाल जी। लघुकथाकार मित्र अपनी प्रतिनिधि/श्रेष्ठ लघुकथाएं डॉ. बलराम अग्रवाल जी (मोबाइल न. 09968094431) को उनके पते ‘ एम-70, उल्धनपुर, दिगम्बर जैन मन्दिर के सामने, नवीन शाहदरा, दिल्ली-110032 पर भेजकर सहयोग करें। रचनाएं उनके ई मेल 2611ableram@gmail.com पर भी कृतिदेव 010 या यूनीकोड फोन्ट में वर्ड की फाइल बनाकर भेजी जा सकती हैं। कृपया स्केन रूप में रचनाएं न भेजें।
- अविराम के नियमित स्तम्भों के लिए क्षणिकाएं एवं जनक छंद की स्तरीय रचनाएं बहुत कम मिल पा रही हैं। क्षणिका पर हमारी एक और योजना भी विचाराघीन है। रचनाकारों से अपील है कि स्तरीय क्षणिकाएं अधिकाधिक संख्या में भेजकर सहयोग करें।
- शीघ्र ही अविराम ब्लाग पर ‘प्रवासी भारतीय रचनाकारों’ के सृजन का एक अलग खण्ड आरम्भ करना चाहते हैं। अतः प्रवासी रचनाकारों से उनकी प्रतिनिधि रचनाएं ई मेल से सादर आमन्त्रित हैं। कृपया रचनाओं के साथ अपना फोटो, पता व साहित्यिक उपलब्धियों एवं योगदान सहित अद्यतन परिचय भी भेजें। यदि भारत में आपका कोई स्थाई पता है, तो सूचित करने पर अविराम के मुद्रित अंक की प्रति उस पते पर भेजी जा सकेगी।
- कई मित्रों की पुस्तकें समीक्षार्थ प्राप्त हुई हैं, हो रही हैं। जैसे-जैसे सम्भव हो पा रहा है, हम उनकी समीक्षा दे भी रहे हैं। चूंकि हमारे स्तर पर समीक्षाएं लिखने/लिखवाने में बिलम्ब हो सकता है, अतः यदि लेखक बन्धु पुस्तकों के साथ अपने स्तर पर किन्हीं समीक्षक से समीक्षा लिखवाकर भिजवा सकते हैं। समीक्षाएं अविराम में स्थान की उपलब्धता के दृष्टिगत सारगर्भित/संक्षिप्त हों, ऐसी अपेक्षा रहती है।
- हमारे बार-बार अनुरोध के बावजूद कुछ मित्र अविराम साहित्यिकी का शुल्क ‘अविराम साहित्यिकी’ के नाम भेजने की बजाय मेरे या प्रधान सम्पादिका के पक्ष में इस तरह से चैक बनाकर भेज देते हैं, कि उन चैकों का भुगतान हमारे लिए प्राप्त करना सम्भव नहीं होता है। इस तरह के चैकों को वापस करना भी हमारे लिए बेहद खर्चीला होता है, अतः हम ऐसे चैक वापस कर पाने में असमर्थ हैं। उन्हें अपने स्तर पर नष्ट कर देने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।
- यदि वास्तव में आप इस लघु पत्रिका की आर्थिक सहायता करना चाहते हैं तो किसी भी माध्यम से राशि केवल ‘अविराम साहित्यिकी’ के ही पक्ष में एफ-488/2, गली संख्या-11, राजेन्द्रनगर, रुड़की-247667, जिला हरिद्वार, उत्तराखंड के पते पर भेजें और जहां तक सम्भव हो एकमुश्त रु.750/- की राशि भेजकर आजीवन सदस्यता लेने को प्राथमिकता दें। आपकी आजीवन सदस्यता से प्राप्त राशि पत्रिका के दीर्घकालीन प्रकाशन एवं भविष्य में पृष्ठ संख्या बढ़ाने की दृष्टि से एक स्थाई निधि की स्थापना हेतु निवेश की जायेगी। कम से कम अगले दो-तीन वर्ष तक इस निधि से कोई भी राशि पत्रिका के प्रकाशन-व्यय सहित किसी भी मद पर व्यय न करने का प्रयास किया जायेगा।