अविराम का ब्लॉग : वर्ष : १, अंक : ०४, दिसंबर २०११
रेखांकन : डॉ. सुरेन्द्र वर्मा |
संपादक : डॉ. उमेश महादोषी
संपादन परामर्श : डॉ. सुरेश सपन
फोन : ०९४१२८४२४६७ एवं ०९०४५४३७१४२
ई मेल : aviramsahityaki@gmail.com
।।सामग्री।।
कृपया सम्बंधित सामग्री के प्रष्ट पर जाने के लिए स्तम्भ के साथ कोष्ठक में दिए लिंक पर क्लिक
करें ।
अविराम विस्तारित :
काव्य रचनाएँ {कविता अनवरत} : इस अंक में रामेश्वर कम्बोज 'हिमांशु', कृष्ण सुकुमार, महेश चंद्र पुनेठा,अलीहसन मकरैंडिया, कमल कपूर, ओम प्रकाश श्रीवास्तव अडिग, सुभान अली ‘रघुनाथपुरी’, डॉ. नसीम अख़्तर, डा. ए. कीर्तिवर्द्धन एवं अमित कुमार लाडी की काव्य रचनाएँ।
लघुकथाएं {कथा प्रवाह} : इस अंक में डॉ. सतीश दुबे, युगल, राजेन्द्र परदेशी, दिनेश चन्द्र दुबे, सन्तोष सुपेकर, गोवर्धन यादव, अंकु श्री, सीताराम गुप्ता, अनिल द्विवेदी ‘तपन’ एवं शिव प्रसाद ‘कमल’की लघुकथाएं।
कहानी {कथा कहानी} : इस अंक में शशिभूषण बडोनी की कहानी।
क्षणिकाएं {क्षणिकाएँ} : इस अंक में रतन चन्द्र रत्नेश, महावीर रवांल्टा एवं सूर्यनारायण गुप्त ‘सूर्य’ की क्षणिकाएं।
हाइकु व सम्बंधित विधाएं {हाइकु व सम्बन्धित विधाएँ} : इस अंक में देवेन्द्र नारायणदास एवं डॉ. गौरीशंकर श्रीवास्तव ‘पथिक’ के पाँच-पाँच हाइकु तथा दिलबाग विर्क के चार तांका।
जनक व अन्य सम्बंधित छंद {जनक व अन्य सम्बन्धित छन्द} : इस अंक में पं. ज्वालाप्रसाद शांडिल्य ‘दिव्य’ व कुँ. शिवभूषण सिंह गौतम के जनक छंद।
व्यंग्य रचनाएँ {व्यंग्य वाण} : इस अंक में कृष्णलता यादव का व्यंग्यालेख।
संभावना {सम्भावना} : इस अंक में नए हस्ताक्षर देशपाल सिंह सेंगर की प्रस्तुति उनकी एक लघुकथा के साथ।
किताबें {किताबें} : डॉ. ब्रह्मजीत गौतम की पुस्तक 'दोहा-मुक्तक-माल' की परिचयात्मक समीक्षा डॉ. ओम्प्रकाश भाटिया 'अराज' द्वारा।
लघु पत्रिकाएं {लघु पत्रिकाएँ} : 'हरिगंधा' के लघुकथा विशेषांक एवं 'मोमदीप' लघु पत्रिका पर डॉ. उमेश महादोषी की समीक्षात्मक/परिचयात्मक।
गतिविधियाँ {गतिविधियाँ} : पिछले माह प्राप्त साहित्यिक गतिविधियों की सूचनाएं/समाचार।
अविराम के अंक {अविराम के अंक} : अविराम के मुद्रित प्रारूप के दिसंबर २०११ अंक में प्राप्त सामग्री की जानकारी।
अविराम के रचनाकार {अविराम के रचनाकार} : अविराम के तीस और रचनाकारों का परिचय।
।।मेरा पन्ना/उमेश महादोषी।।
- ब्लाग का यह अंक कुछ विलम्ब से वर्ष 2011 की विदाई की वेला में आ रहा है। इस वर्ष ने हमें काफी कुछ दिया। नतीजे चाहे जो रहे, पर अन्ना के साथ देश की आवाज एक सही और जरूरी मुद्दे पर साथ दिखाई दी। क्षणिक ही सही, जनता ने देश के नेतृत्व को एक चुनौती दी। यह सही है कि हमारा राजनैतिक नेतृत्व अव्वल दर्जे का ढीठ है, और आसानी से अपना चरित्र बदलने वाला नहीं है, पर यह भी निश्चित है कि जनता को रास्ता दिख गया है और नेतृत्व नहीं चेता, तो जनता का गुस्सा कभी भी भयंकर परिणति में बदल सकता है। दोस्तो यह एक ऐसा दौर है, जब रचनाकार के रूप में हमारी जिम्मवारी भी अहम् हो जाती है। हमें अपनी लेखनी से समाज को दिशा दिखानी है, लोगों की ऊर्जा को बढ़ानी है। इसके बिना हम अपना धर्म नहीं निभा पायेंगे। सही मायनों में वर्ष 2011 हम देशवासियों को ऐसी ऊर्जा देकर गया है, जो देश और समाज का भविष्य तय करेगी।
- धन्यवाद विदा ले रहे हमारे मार्गदर्शक! हमारे सहगामी! हमारे मित्र! हमारे संरक्षक! हमारे समय! हम जानते हैं अगला वर्ष भी तुम्हारा ही दूसरा कदम है। तुम्हीं हो जो हमारे लिए एक नई ऊर्जा की प्रेरणा लेकर हर नए क्षण में हमारे लिए नया अहसास बनकर आते हो। नया वर्ष भी तुम्हीं होगे, तुम्हीं होगे, जो हमारे कन्धों पर हाथ रखकर साथ चलते हुए हमें एक अलग स्फूर्ति से भर दोगे। स्वागत है मित्र तुम्हारा 2012 के रूप में। हम जानते हैं तुम्हारे तमाम मार्गदर्शन के बावजूद हमारे बहुत से पिछले संकल्प अभी अधूरे हैं, पर तुम्हारी दी ऊर्जा के साथ हम नई चुनौतियाँ के साथ उन तमाम संकल्पों को भी पूरा करेंगे। नए क्षणों, नए समय के रूप में तुम आओ, तुम्हारा स्वागत है! स्वागत है! स्वागत है!
- दोस्तो नए वर्ष के साथ ही आपकी पत्रिका अविराम, पंजीकृत रूप में ‘अविराम साहित्यिकी’ के नाम से आयेगी। एक लम्बी उड़ान की तैयारी करनी है। प्रसार संख्या को बढ़ाना है। लघु पत्रिकाओं की प्रसार संख्या भी सामान्यतः लघु ही बनी रहती है। हमने धीरे-धीरे विगत दो वर्षों में लगभग दो गुने लोगों तक अविराम को पहुँचाया है। सदस्य संख्या चाहे जो रहे, अगला अंक हर हाल में एक हजार से ज्यादा मित्रों तक पहुँचेगा। आगामी तीन-चार वर्षों में हम एक ओर जहाँ ‘अविराम साहित्यिकी’ के मुद्रित प्रारूप को देश के हर कोने तक, हर नए-पुराने साहित्याकार/साहित्य प्रेमी तक पहुँचाना चाहते हैं, वहीं इसकी पृष्ठ संख्या को भी धीरे-धीरे बढ़ाना चाहते हैं। इसके लिए हम पाठक मित्रों के साथ भी थोड़ी आर्थिक साझेदारी अपेक्षा कर रहे हैं। इसलिए अविराम साहित्यिकी का वार्षिक सहयोग राशि रु. 60/- एवं आजीवन सहयोग रु. 750/- निर्धारित की है। आशा है आप सब पत्रिका का आर्थिक आधार मजबूत करने में सहयोग करेंगे। फिलहाल आर्थिक सहयोग धनादेश द्वारा ही ‘श्रीमती मध्यमा गुप्ता, प्रधान सम्पादिका: अविराम साहित्यिकी, एफ-488/2, गली संख्या 11, राजेन्द्र नगर, रुड़की-247667, जिला-हरिद्वार (उत्तराखण्ड)’ के पते पर भेजें। पत्रिका का बैंक में खाता खुलने तक (जिसकी सूचना हम पाठकों को दे देंगे) कृपया चैक/ड्राफ्ट न भेजें।
- अविराम साहित्यिकी का पहला अंक (जनवरी-मार्च 2012 अंक) फरवरी के मध्य तक लाने का प्रयास रहेगा। इसके बाद मई(अप्रैल-जून अंक), अगस्त (जुलाई-सितम्बर अंक) और नवम्बर (अक्टूबर-दिसम्बर अंक) में नियमित रूप से आते रहेंगे। जिन मित्रों ने अविराम का मुद्रित संस्करण नहीं देखा है, वे अपना पता हमें भेज दें, हम निःशुल्क नमूना प्रति आपको उपलब्ध करवा देंगे। हाँ, फिलहाल भारत से बाहर मुद्रित प्रति भेजना हमारे लिए सम्भव नहीं है। विदेश में रह रहे मित्र अपने भारत के पते पर मुद्रित प्रति भेजने की इच्छा जाहिर करेंगे तो हम अवश्य भेज सकेंगे।
- जो मित्र इस ब्लाग के समर्थक/सदस्य बने हैं, उनमें से जो लेखन से जुड़े हुए हैं, उनकी रचनाएँ प्राप्त कर हमें खुशी होगी। मुद्रित एवं ब्लाग दोनों ही प्रारूपों में स्थान देने का प्रयास किया जायेगा। आप अपनी साहित्यिक-सांस्कृतिक गतिविधियों के समाचार भी भेज सकते हैं। जो मित्र रेखांकन एवं फोटोग्राफी में रुचि रखते हैं, अपने बनाए रेखांकन एवं दृश्य छाया चित्र भी भेज सकते है। प्रकाशनार्थ सामग्री भेजने के लिए आर्थिक सहयोग करना कोई वाध्यता नहीं है। हाँ, रचनाओं के स्तर का अवश्य ध्यान रखें। आर्थिक सहयोग पूरी तरह स्वैच्छिक है। एक बार में अपनी चार-पाँच प्रतिनिधि रचनाएँ परिचय एवं फोटो सहित भेजना अधिक अच्छा होगा।
- सभी मित्रों को नए साल की हार्दिक शुभकामनाएँ।