अविराम ब्लॉग संकलन : वर्ष : 1, अंक : 11, जुलाई 2012
प्रधान संपादिका : मध्यमा गुप्ता
संपादक : डॉ. उमेश महादोषी (मोबाइल : 09412842467)
संपादन परामर्श : डॉ. सुरेश सपन
ई मेल : aviramsahityaki@gmail.com
।।सामग्री।।
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प्रधान संपादिका : मध्यमा गुप्ता
संपादक : डॉ. उमेश महादोषी (मोबाइल : 09412842467)
संपादन परामर्श : डॉ. सुरेश सपन
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रेखांकन : राजेन्द्र सिंह |
अविराम विस्तारित :
काव्य रचनाएँ {कविता अनवरत} : इस अंक में कपिलेश भोज, कन्हैयालाल अग्रवाल ‘आदाब’, कृष्ण सुकुमार, अजय चन्द्रवंशी, अनिमेष, कुँवर विक्रमादित्य सिंह, चन्द्रा लखनवी, रामेश्वर प्रसाद गुप्ता ‘इंदु' की काव्य-रचनाएँ।
उमेश महादोषी
लघुकथाएं {कथा प्रवाह} : इस अंक में स्व. जगदीश कश्यप, सीताराम गुप्ता, मदन मोहन उपेन्द्र, दिलीप भटिया, शोभा रस्तोगी शोभा एवं मोहन लोधिया की लघुकथाएँ।
हाइकु व सम्बंधित विधाएं {हाइकु व सम्बन्धित विधाएँ} : इस अंक में केशव शरण एवं शिव कुमार पाण्डेय ‘विराट’के हाइकु ।
जनक व अन्य सम्बंधित छंद {जनक व अन्य सम्बन्धित छन्द} : इस अंक में पं. ज्वालाप्रसाद शांडिल्य ‘दिव्य’ के जनक छंद।
हमारे सरोकार (सरोकार) : रचना रस्तोगी का आलेख "प्राइवेट डेंटल एवं सरकारी डेंटल कोलिजों में इलाज के नाम पर जिन्दा मनुष्यों पर अत्याचार क्यों?"
अविराम विमर्श {अविराम विमर्श} : इस अंक में विधागत विमर्श पर तीन आलेख- 1. हाइकु : क्षण की अनुभूति का काव्य / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’; 2- क्षणिका का रचना-विधान / डॉ बलराम अग्रवाल एवं 3- क्षणिका की सामर्थ्य / डा. उमेश महादोषी।
किताबें {किताबें} : इस अंक में उमेश महादोषी द्वारा दो समीक्षाएं- 'बूँद से समुद्र तक : समय-सापेक्ष लघुकथाएँ' (बूँद से समुद्र तक : डॉ सतीश दुबे ) एवं 'हिंदी लघुकथा : समकालीन लघुकथा की पड़ताल' (हिंदी लघुकथा : डॉ शकुंतला किरण)।
अविराम के रचनाकार {अविराम के रचनाकार} : अविराम के ग्यारह और रचनाकारों का परिचय।
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।।मेरा पन्ना।।
- कई बार हमें सामाजिक समस्याओं पर आलेख प्राप्त होते है। साहित्यिक पत्रिका होने के नाते अभी तक इस तरह के आलेखों को हमने अविराम में स्थान नहीं दिया है। सामान्यत: भविष्य में भी इस ओर ध्यान देना हमारे लिए संभव नहीं होगा। परन्तु कुछ समस्याएं ऐसी होती हैं कि उन पर प्राप्त आलेखों पर ध्यान न देना अपने सामाजिक सरोकारों की उपेक्षा करने जैसा होगा। पिछले दिनों मेरठ की एक जागरूक लेखिका रचना रस्तोगी जी का एक ऐसा ही लम्बा आलेख "प्राइवेट डेंटल एवं सरकारी डेंटल कोलिजों में इलाज के नाम पर जिन्दा मनुष्यों पर अत्याचार क्यों?" शीर्षक से हमें प्राप्त हुआ है। इस आलेख में उन्होंने मेडिकल शिक्षा एवं चिकित्सा संबंधी कई ज्वलंत प्रश्न उठाये हैं। हमने उनके आलेख के परिप्रेक्ष्य में एक नया लेवल (खंड) "हमारे सरोकार" शीर्षक से आरम्भ करके उनका उक्त आलेख रखा है। पाठकों से अपील है की इस आलेख को अवश्य पढ़ें और अपनी राय रक्खें। इस तरह की समस्याओं पर भविष्य में महत्वपूर्ण आलेख ई मेल से कृतिदेव 010 या यूनिकोड फॉण्ट में प्राप्त होने पर हम शामिल करने का प्रयास करेंगे। अंग्रेजी में प्राप्त सामग्री का उपयोग संभव नहीं होगा।
- अविराम साहित्यिकी का दिसम्बर 2012 मुद्रित अंक ‘लघुकथा विशेषांक’ होगा, जिसके अतिथि सम्पादक हैं वरिष्ठ लघुकथाकार एवं चिन्तक-समालोचक आदरणीय डॉ. बलराम अग्रवाल जी। लघुकथाकार मित्र अपनी प्रतिनिधि/श्रेष्ठ लघुकथाएं डॉ. बलराम अग्रवाल जी (मोबाइल न. 09968094431) को उनके पते ‘ एम-70, उल्धनपुर, दिगम्बर जैन मन्दिर के सामने, नवीन शाहदरा, दिल्ली-110032 पर भेजकर सहयोग करें। रचनाएं उनके ई मेल 2611ableram@gmail.com पर भी कृतिदेव 010 या यूनीकोड फोन्ट में वर्ड की फाइल बनाकर भेजी जा सकती हैं। कृपया स्केन रूप में रचनाएं न भेजें। अगस्त 2012 के बाद प्राप्त सामग्री को शामिल करना मुश्किल होगा, अत: अपनी रचनाएँ सीधे डॉ बलराम अग्रवाल जी को शीघ्रातिशीघ्र भेजने का कष्ट करे।
- सामान्य अंकों एवं ब्लॉग हेतु लघुकथाएं हमें रुड़की के पते पर भेजते रहिये।
- अविराम के नियमित स्तम्भों के लिए क्षणिकाएं एवं जनक छंद की स्तरीय रचनाएं बहुत कम मिल पा रही हैं। क्षणिका पर हमारी एक और योजना भी विचाराघीन है। रचनाकारों से अपील है कि स्तरीय क्षणिकाएं अधिकाधिक संख्या में भेजकर सहयोग करें।
- इस बार विमर्श में हमने अविराम मुद्रित संस्करण में पूर्व प्रकाशित क्षणिका पर दो एवं हाइकु पर एक आलेख रक्खा है। इन आलेखों से रचनाकार मित्रों को इन दोनों काव्य विधाओं पर हमारे दृष्टिकोण को समझने में सुविधा होगी।
- शीघ्र ही अविराम ब्लाग पर ‘प्रवासी भारतीय रचनाकारों’ के सृजन का एक अलग खण्ड आरम्भ करना चाहते हैं। अतः प्रवासी रचनाकारों से उनकी प्रतिनिधि रचनाएं ई मेल से सादर आमन्त्रित हैं। कृपया रचनाओं के साथ अपना फोटो, पता व साहित्यिक उपलब्धियों एवं योगदान सहित अद्यतन परिचय भी भेजें। यदि भारत में आपका कोई स्थाई पता है, तो सूचित करने पर अविराम के सम्बंधित मुद्रित अंक की प्रति उस पते पर भेजी जा सकेगी।
- हमारे बार-बार अनुरोध के बावजूद कुछ मित्र अविराम साहित्यिकी का शुल्क ‘अविराम साहित्यिकी’ के नाम भेजने की बजाय मेरे या प्रधान सम्पादिका के पक्ष में इस तरह से चैक बनाकर भेज देते हैं, कि उन चैकों का भुगतान हमारे लिए प्राप्त करना सम्भव नहीं होता है। इस तरह के चैकों को वापस करना भी हमारे लिए बेहद खर्चीला होता है, अतः हम ऐसे चैक वापस कर पाने में असमर्थ हैं। उन्हें अपने स्तर पर नष्ट कर देने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।
- अविराम के मुद्रित अंकों में जुलाई-सितम्बर 2012 अंक से पृष्ठों की संख्या बढ़ाकर 72+04=76 की जा रही है। बढ़े हुए पृष्ठों के दृष्टिगत वार्षिक एवं आजीवन सदस्यता शुल्क में कुछ माह बाद बृद्धि की जायेगी, अत: जो मित्र आजीवन सदस्य बनना चाहते हैं, फ़िलहाल पुराना शुल्क (रुपये 750/-) ही भेजकर आजीवन सदस्य बन सकते हैं।
- यदि वास्तव में आप इस लघु पत्रिका की आर्थिक सहायता करना चाहते हैं तो किसी भी माध्यम से राशि केवल ‘अविराम साहित्यिकी’ के ही पक्ष में एफ-488/2, गली संख्या-11, राजेन्द्रनगर, रुड़की-247667, जिला हरिद्वार, उत्तराखंड के पते पर भेजें और जहां तक सम्भव हो एकमुश्त रु.750/- की राशि भेजकर आजीवन सदस्यता लेने को प्राथमिकता दें। आपकी आजीवन सदस्यता से प्राप्त राशि पत्रिका के दीर्घकालीन प्रकाशन एवं भविष्य में पृष्ठ संख्या बढ़ाने की दृष्टि से एक स्थाई निधि की स्थापना हेतु निवेश की जायेगी। कम से कम अगले दो-तीन वर्ष तक इस निधि से कोई भी राशि पत्रिका के प्रकाशन-व्यय सहित किसी भी मद पर व्यय न करने का प्रयास किया जायेगा।
- विगत 25 मई को वरिष्ठ लघुकथाकार श्री सुरेन्द्र मंथन जी का कैंसर से जूझते हुए तथा 15 जुलाई को कवि साहिल सहरी जी का निधन हो गया। दोनों ही विभूतियों को हम हार्दिक श्रृद्धांजलि अर्पित करते हैं।