अंक : 2/ अगस्त 1990
प्रधान सम्पादिका : मध्यमा गुप्ता/सम्पादन-परामर्श : डा. उमेश महादोषी एवं सुरेश सपन/संयोजक : संजय शुक्ला
इस अंक में शामिल रचना सामग्री और रचनाकारों का विवरण निम्न प्रकार है-
प्रस्तुति : प्रधान सम्पादिका श्रीमती मध्यमा गुप्ता का अविराम के बारे में जानकारी देता हुआ स्तम्भ (पृष्ठ : 3)।
सन्दर्भ : आतंकवाद पर श्रीराम शुक्ला राम (पृष्ठ : 14), गम्भीर सिंह पालनी (पृष्ठ : 15), डा. ऋषभ देव शर्मा देवराज (पृष्ठ : 16), और हेमन्त दोषी (पृष्ठ : 17) की कविताएं।
परिक्रमा : ‘नई कविता में बिम्बधर्मिता, सपाटबयानी और सम्प्रेषणीयता’ विषय पर अभिमेष द्वारा प्रस्तुत परिचर्चा का पहला भाग/सहभागी- सर्वश्री प्रो. वेद प्रकाश अमिताभ, सिद्धेश्वर एवं रामकृष्ण विकलेश (पृष्ठ : 18)।
अनवरत : नारायण सिंह निर्दोष की कविता (पृष्ठ : 27)।
क्षणिकाएं : जय श्रीवास्तव, पुष्कर राय जोशी, नारायण सिंह निर्दोष, एवं डा. उमेश महादोषी की क्षणिकाएं (पृष्ठ : 4)
पड़ताल : नई कविता में शिल्पगत और चरित्रगत सौन्दर्य/डा. पंकज परिमल (पृष्ठ : 5)
अधिकृत पन्ना : सुरेश सपन का स्तम्भ (पृष्ठ : 28)।
इस अंक की किसी भी प्रकार की प्रति उपलब्ध नहीं है, अतः पाठक/रचनाकार बन्धु किसी प्रकार का अनुरोध न भेजें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें