अविराम का ब्लॉग : वर्ष : 2, अंक : 5, जनवरी 2013
।।क्षणिकाएँ।।
सामग्री : महावीर रवांल्टा व डॉ. सम्राट सुधा की क्षणिकाएँ।
महावीर रवांल्टा
दो क्षणिकाएँ
1. मान पत्र
डूबती संध्या की स्याह
सिसकती साँसें
ढह रही हैं वहाँ
विरानता लिए और
बहुत तीखे हो रहे हैं इन्तजार में
आशाओं के अंकुर
शायद आने वाले भविष्य का
अंधकारी मानपत्र
पढ़कर सुना रही हैं।
2. तरीका
उस प्रेत की तरह
भयानक लगती है
सच्चाई की
टहलती सूरत
भविष्य उससे
छुपा लेता है चेहरा
भय से और
जीकर भी
मरने का तरीका ढूँढ़ लिया।
डॉ. सम्राट सुधा
चार क्षणिकाएँ
1. विवेकानन्द
नमन् तुम्हें
सुदूर बंगभू से
तुम आये दक्षिण प्रदेश
ले एकत्व का संदेश
सागर यूँ तुमने भी लाँघा
हे नवयुग के हनुमान!
2. संवेदनशीलता
अपने शब्द न खले
और चुभ गयी
हमारी चुप्पी भी!
3. जीवनोपलब्धि
जीवितों में हुआ
मृत्यु का अहसास
और संजीवनी मिली
शमशान में!!
4. असर
उसके पास थी झूठी चीख
मेरे पास थी सच्ची चुप्पी
बेशक सच जीता चुपचाप
मगर पता सबको चला जनाब!
।।क्षणिकाएँ।।
सामग्री : महावीर रवांल्टा व डॉ. सम्राट सुधा की क्षणिकाएँ।
महावीर रवांल्टा
दो क्षणिकाएँ
1. मान पत्र
डूबती संध्या की स्याह
सिसकती साँसें
ढह रही हैं वहाँ
विरानता लिए और
रेखाचित्र : बी मोहन नेगी |
आशाओं के अंकुर
शायद आने वाले भविष्य का
अंधकारी मानपत्र
पढ़कर सुना रही हैं।
2. तरीका
उस प्रेत की तरह
भयानक लगती है
सच्चाई की
टहलती सूरत
भविष्य उससे
छुपा लेता है चेहरा
भय से और
जीकर भी
मरने का तरीका ढूँढ़ लिया।
- ‘संभावना‘, महरगाँव, पत्रालय: मोल्टाड़ी, पुरोला, उत्तरकाशी-249185 (उत्तराखण्ड)
डॉ. सम्राट सुधा
चार क्षणिकाएँ
1. विवेकानन्द
नमन् तुम्हें
सुदूर बंगभू से
तुम आये दक्षिण प्रदेश
ले एकत्व का संदेश
सागर यूँ तुमने भी लाँघा
हे नवयुग के हनुमान!
2. संवेदनशीलता
अपने शब्द न खले
और चुभ गयी
हमारी चुप्पी भी!
रेखाचित्र : डॉ सुरेन्द्र वर्मा |
3. जीवनोपलब्धि
जीवितों में हुआ
मृत्यु का अहसास
और संजीवनी मिली
शमशान में!!
4. असर
उसके पास थी झूठी चीख
मेरे पास थी सच्ची चुप्पी
बेशक सच जीता चुपचाप
मगर पता सबको चला जनाब!
- 94, पूर्वावली, गणेशपुर, रुड़की-247667, जिला हरिद्वार (उत्तराखण्ड)
खूबसुरत क्षणिकाएँ।
जवाब देंहटाएं----
http://yuvaam.blogspot.com/2013_01_01_archive.html?m=0