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शुक्रवार, 9 जनवरी 2015

बाल अविराम

अविराम  ब्लॉग संकलन :  वर्ष  : 4,   अंक  : 03-04 ,  नवम्बर-दिसम्बर 2014


।।बाल अविराम।।

सामग्री  :  इस अंक में सुप्रसिद्ध कवि-कथाकार श्री के. एल. दीवान की बाल मन पर केन्द्रित एक बाल कहानी और कुछ कविताएं बाल चित्रकार अभय ऐरन  आरुषि ऐरन  के चित्रों के साथ।  



के.एल. दीवान








बाल कहानी 
पछतावा
राजू उस समय बिल्कुल अकेला बैठा था। उसने अपनी आँखें मूंद रखी थीं। एक गाल हथेली पर टिका रखा था। एक गहरी ठण्डी सांस वातावरण में समा गई। वह निचले होंठ को दांत से काटने लगा। उसके मन-मस्तिष्क में बचपन की एक घटना घूम रही थी। तब वह बारह-तेरह साल का रहा होगा। मां-बाप के लाड़-प्यार ने उसे बिगाड़ दिया था। जो मन में आता, वही करता। रामलीला के दिन थे। चारों ओर बच्चे तीर-कमान से खेलते नजर आते। उसने भी एक मजबूत कमान बनाई थी। एक तार के टुकड़ें को नुकीला बना, तीर बनाया था। घर से बाहर तीर कमान से
चित्र : अभय ऐरन 
खेल रहा था। तभी सामने से घर पर काम करने वाली शिब्बो आती दिखाई दी। होगी बीस-बाईस साल की लड़की। राजू ने तीर कमान पर चढ़ाया और शिब्बों के चेहरे पर निसाना लगाने लगा। शिब्बों ने रोकने की कोशिश की, मिन्नतें कीं। जब उसे लगा राजू नहीं मानेगा, उसने अपने चेहरे को अपने दोनों हाथों से ढक लिया। राजू ने पूरी शक्ति से तीर छोड़ा जो शिब्बों के हाथ में घुस गया। शिब्बो की चीख़ निकल गई। आँखों से आँसू बह रहे थे। हाथ से खून बह रहा था। राजू सहम गया। भीगी आँखों से शिब्बो ने राजू की ओर देखा और घर के अन्दर चली गई। उसने किसी से भी राजू की शिकायत नहीं की। उस घटना को बीसों वर्ष बीत गए हैं, मगर मिन्नतें करती शिब्बो अक्सर उसके ख्यालों में आ खड़ी होती है। उसकी आँखें नम हो उठती हैं।

कुछ बाल कविताएं

फूल जैसा
फूलों जैसा कोई ना दूजा जग में,
सुन्दरता बांटे ये खुश्बू बांटे जग में,
छोटा है पर पावन है जीवन फूलों का,
तुम मांगो फूलों सा पावन जीवन जग में।

प्यारे फूल
रंग बिरंगे प्यारे फूल बगिया की शान,
पेंटिंग : आरुषि ऐरन 
क्या हुआ जो मिला इनको चन्द दिन का जहान,
इनकी सुन्दरता खुश्बू का जग दीवाना,
कैसा जीवन हो निज का तू पहचान।

लाल गुलाब
नन्हें मुन्हें बच्चे लिखे लाल गुलाब हैं,
चाचा नेहरू के भारत के ये ख्वाब हैं,
जब हर भारतवासी सचमुच खुशहाल होगा,
उस दिन को लाने के लिए ये बेताब हैं।

  • ज्ञानोदय अकादमी, 8, निर्मला छावनी, हरिद्वार-249401 (उत्तराखण्ड) / मोबाइल : 09756258731

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