अविराम ब्लॉग संकलन, वर्ष : 2023, अंक : 01, नवम्बर 2023, लघुकथा : 01
।।कथा प्रवाह 2।।
प्रस्तुति/उमेश महादोषी
ब्लॉग रूप में अविराम को मित्रों का भरपूर सहयोग मिलने के बावजूद अक्टूबर 2018 के बाद हम अन्य व्यस्तताओं के कारण नियमित नहीं रख सके। अब नवम्बर 2023 से इस ब्लॉग के केवल लघुकथा पृष्ठ (कथा प्रवाह) का पुनः प्रकाशन आरम्भ कर रहे हैं। इस प्रयास में सर्वप्रथम ’मुहावरों से सज्जित लघुकथाएँ’ शृंखला प्रस्तुत है। इस शृंखला में फिलहाल प्रत्येक माह की पहले दिवस पर पाँच लघुकथाएँ प्रकाशित होंगी।
इस अंक में प्रस्तुत हैं सर्वश्री राजकुमार निजात (एकता में शक्ति), सदानंद कवीश्वर (दुम हिलाने का फायदा), सुरेश सौरभ (बेवफा हवाएँ), विजयानंद विजय (आँख खुली) एवं सुश्री कोमल वाधवानी ‘प्रेरणा’ (अन्धों में काना राजा) की लघुकथाएँ।
राजकुमार निजात
एकता में शक्ति
आज सारे शहर में यह चर्चा आम थी कि शहर के सबसे बड़े पार्क शिवपुरी में बत्तखों के एक झुंड ने एक शिकारी कुत्ते को चोंच मार-मारकर मार डाला था। जिसने भी यह घटना सुनी वह बत्तखों की एकता में शक्ति की प्रशंसा कर रहा थेा।
पड़ताल करने पर पता चला कि आवारा कुत्तों ने बत्तखों के इसी झुंड पर कुछ दिन पहले हमला करके एक चूजे को मारकर खा लिया था। अतः बत्तखों का सारा कुनबा इस हिंसक कुत्ते से बेहद दुःखी था। वह अक्सर ताक में रहता और मौका मिलने पर अपना काम कर जाता।
गीता में कहा गया है कि यदि कोई बार-बार हिंसा करता है तो उसका उत्तर भी हिंसा के साथ ही देना चाहिए और उसे खत्म कर देना चाहिए। यही जीवन का मूल मंत्र है। हिंसक प्राणी को देर तक कभी माफ नहीं किया जा सकता। जो जैसा करेगा वह वैसा ही भरेगा, यह उक्ति आज चरितार्थ हो गई थी।
एकता में शक्ति है और शक्ति में ही शांति है। बिना शक्ति के शांति प्राप्त नहीं की जा सकती। जब बत्तखें अपनी सुरक्षा के लिए हिंसक कुत्ते से लड़ रही थीं तो वहाँ कुछ बच्चों ने अपने मोबाइल में युद्ध का वह दृश्य कैद कर लिया था। वह केवल युद्ध नहीं था। वह अन्याय और जुल्म के खिलाफ एक सबक था जिसे पढ़ाया जाना जरूरी था। जो जैसा करता है वह वैसा ही भरता है।
उस कुत्ते को मार देने के बाद बत्तखों की पंचायत हुई।
बत्तखों के मुखिया ने कहा, ‘‘शांति बिना बलिदान के मिल पाना संभव नहीं है। यदि आप शांति चाहते हैं तो बलिदान के लिए हर वक्त तैयार रहना चाहिए। हर प्राणी को जीने का अधिकार है इसलिए उसे अपने प्राणों की रक्षा करने के लिए कुछ भी करने का अधिकार भी है।
दूसरे कुत्तों ने अब उस पार्क की ओर देखना भी बंद कर दिया था।
ईमेल : rajkumarnijaat@gmail.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें