आपका परिचय

शनिवार, 4 अक्टूबर 2014

अविराम विस्तारित

अविराम  ब्लॉग संकलन :  वर्ष  : 4,   अंक  : 01-02,  सितम्बर-अक्टूबर  2014

।।हाइकु।।

सामग्री : इस अंक में श्रीमती उषा अग्रवाल 'पारस'  द्वारा सम्पादित हाइकु संकलन 'हाइकु व्योम' से कुछ हाइकुकारों ( डॉ. सुधा गुप्ता, डॉ. सतीश दुबे, रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’, डॉ. सतीशराज पुष्करणा, डॉ. मिथिलेश दीक्षित, उषा अग्रवाल ‘पारस’, दिलीप भाटिया, पुष्पा जमुआर, कमलेश चौरसिया, केशव शरण, नरेन्द्र परिहार, मृणालिनी घुले, डॉ. शैलेष गुप्त ‘वीर’, डॉ. रघुनन्दन चिले, वंदना सहाय,  आशीष कंधवे, डॉ. भावना कुंवर, अनिता ललित, डॉ. रेखा कक्कड़, विभा रश्मि, सनत कुमार जैन, डॉ. सुषमा सिंह, कान्ता देवांगन, प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, माधुरी राऊलकर व  रवीन्द्र देवधरे ‘शलभ’) तथा श्री देशपाल सिंह सेंगर  हाइकु। 



हाइकु व्योम : संपादन- उषा अग्रवाल ‘पारस’

{चर्चित कवयित्री व लघुकथाकार उषा अग्रवाल ‘पारस’ ने हाल ही में एक उत्कृष्ट हाइकु संकलन ‘हाइकु व्योम’ का संपादन किया है। इसमें देश के 54 कवियों, जिनमें कई प्रतिनिधि हाइकुकारों के साथ कुछ नवोदित हाइकुकार शामिल हैं, के 15-15 हाइकु संकलित हैं। प्रस्तुत हैं इस संकलन से कुछ हाइकुकारों के प्रतिनिधि हाइकु।}



डॉ. सुधा गुप्ता






01.
आकाश-छत
छेदों भरी छतरी
टपक रही


02.
रेखा चित्र : डॉ. सुरेन्द्र वर्मा 

अल्हड़ नदी
बाबुल घर छोड़
निकल पड़ी

03.
ढो लाये मेघ
आंसुओं का सागर
झड़ी लगी हैं

  • ‘काकली’, 120-बी/12, साकेत, मेरठ-250003 (उ.प्र.) / दूरभाष :  08439278200





डॉ. सतीश दुबे






01.
हंसों की पांत
उड़ रही आकाश
मौसम साफ
छाया चित्र : उमेश महादोषी 


02.
उछल रहे
बादल खरगोश
आसमान में

03.
डराती रही
रात में द्वार बजा
अज्ञात हवा

  • 766, सुदामा नगर, इन्दौर-452009 (म.प्र.) /मोबाइल :  09617597211





रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’





01.
तेरी दुआएँ
महसूसती मेरी 
रक्त शिराएँ 


02..
जीवन-वन
छाया चित्र : डॉ.बलराम अग्रवाल 

भटकता ही रहा
चोटिल मन

03.
सपने बाँटे-
जितने थे गुलाबी
बचे हैं काँटे

  • एफ-305, छठा तल, मैक्स हाइट, सेक्टर-62, कुण्डली-131023, सोनीपत (हरियाणा) / मोबाइल : 09313727493




डॉ. सतीशराज पुष्करणा





01.

पानी काँपा है
कोई प्यासा खड़ा है
नदी तट पर

02.
मन बेचारा 
आत्मविश्वास बिना
छाया चित्र : रामेश्वर काम्बोज हिमांशु 

खुद से हारा

03.
नदी जो सूखी
तटों की खाई बढ़ी
आदमी जैसी

  • पुष्करणा ट्रेडर्स, लघुकथानगर, पो. महेन्द्रू, पटना-400006, बिहार / मोबाइल : 09431264674 / 08298443663



डॉ. मिथिलेश दीक्षित




01.

दूर देश में
बूढ़ी आँखों का तारा
फोन सहारा

02.

तीव्र आतप
फिर भी हरे-भरे
स्मृति पादप

03.
रोली रचाये
लहरों पर धूप
झिलमिलाये

  • जी-91 सी, संजय गांधीपुरम्, लखनऊ-226016 (उ.प्र.) / मोबाइल : 09412549904 



उषा अग्रवाल ‘पारस’





01.
तोड़ के धागा
कठपुतली भागी
विद्रोह जागा
छाया चित्र : उमेश महादोषी 

02.
गिर शिला पे
नहीं होती घायल
बूँद ओस की

03.
माफ करना
इश्क में दस्तूर है
खता करना

  • मृणमयी अपार्टमेंट, 108-बी/1, खरे टाउन, धरमपेठ, नागपुर-440010, महाराष्ट्र / मोबाइल : 09028978535  



दिलीप भाटिया






01.
ममता जीती
रूढ़ियों को हराया
बेटी आ गई


02.
रोशन रखो
अँधेरे घर यहाँ
सुख पाओगे


  • 322/201, न्यू मार्केट, रावतभाटा-323307, कोटा, राजस्थान / मोबाइल : 09461591498



पुष्पा जमुआर






01.
जवाँ सपने
और जीने की जंग
युवा बेचैन


02.
वक्त गुजरा
मुरदों को कब्र से
जगाते हुये

  • काशी निकेतन, रामसहाय लेन, महेन्द्रू, पटना-800006, बिहार / मोबाइल : 09308572771





कमलेश चौरसिया





01.
तिनका लिये
चिड़िया थक गयी
डाली ना मिली


02.
आँगन नहीं


छाया चित्र : उमेश महादोषी 
चुगती चिड़िया भी
मिलती नहीं


03.
अटरिया में
शब्द-शब्द आँखों का
बिछुआ बाजे

  • गिरीश अपार्टमेंट-201, एच.सी. रोड, धरमपेठ, नागपुर-440010 / मोबाइल :  08796077001




केशव शरण






01.
पिंकी या सोन
पिंजरे में चिड़िया
सुख से कौन?

02.
यही रस्म है
मक्खी वहीं बैठती
जहाँ जख्म है

03.
न वो आता है
न वो बुलाता है
कैसा भ्राता है

  • एस-2/564, सिकरौल, वाराणसी कैन्ट, वाराणसी-2 (उ0प्र0) / मोबाइल : 09415295137




नरेन्द्र परिहार






01.
पास पड़ोस
पटाखों का घरौंदा
गिराये औंधा

02.
फूल केश से
गिरा झर-झर के
दिखा सपने

03.
जिंदगी जेल
पत्थरों का शहर
हुआ न मेल

  • सी-004, उत्कर्ष अनुराधा, सिविल लाइन्स, नागपुर-440001 (महा.) / मोबाइल : 09561775384





मृणालिनी घुले

01.
नर्मदा तट
कहीं मनोरम तो
छाया चित्र : अभिशक्ति 

कहीं विकट

02.
हरसिंगार
रक्ताभ अधरों से
हँसी बहार

03.
साँझ की बेला
अस्त होता सूरज
बड़ा अकेला

  • 101, रीगल रीजेंसी, एन-28, साकेत नगर, ओल्ड पलासिया, इन्दौर, म.प्र. / फोन : 09165359071





डॉ. शैलेष गुप्त ‘वीर’




01.
नयी सदी में
ताल ठोंकती नारी
नहीं बेचारी

02.
टूटें तो टूटें
ख्वाब देखेंगे हम
पीड़ा हो तो हो

03.
झुकी न पृथ्वी
झुक गया आकाश
प्रेम-प्रकाश
  • 24/18, राधानगर, फतेहपुर (उ.प्र.) - 212601 / मोबाइल : 08574006355



डॉ. रघुनन्दन चिले





01.
मुखर मौन
भाषाओं से बड़ा है
अर्थ खड़ा है

02.
सरिता मिली
सागर उल्लास में
गरजा खूब

03.
आकाश चुप
गतिहीन बादल
परम शान्ति

  • 232, मागंज, वार्ड नं.1, दमोह-470661, म.प्र. / मोबाइल :  09425096085 




वंदना सहाय





01.
भूखा क्या लिखे
उसे तो ये चाँद भी
रोटी सा दिखे

02.
हारे अब तो 
कार्टून चैनलों से
नानी के किस्से

03.
रोज बनती
कोई एक कामिनी
नयी दामिनी

  • टावर 12-302, ब्लू रिज हिंजेवाड़ी, फेज-1, पुणे-411057 / मोबाइल : 09372224189




आशीष कंधवे


01.
वक्त अमीर
छाया चित्र : अभिशक्ति 
बदलना है तुम्हें 
भाग्य फकीर

02.
एकांत बैठा
मौन साधे है झूठ
बन बगुला

03.
सपने बने
सूरज उगते ही
हरसिंगार
  • एडी-94 डी, शालीमार बाग, दिल्ली-110088 / मोबाइल : 09811184393



इसी संकलन से कुछ और हाइकु 



डॉ. भावना कुंवर




तितली बन
परियाँ जब आईं
कली मुस्काई

  • ईमेल :  bhawnak2002@gmail.com





अनिता ललित



सर्दी की धूप
शरमा कर झाँकती...
छिप-छिप के

  • 1/16, विवेक खंड, गोमतीनगर, लखनऊ-226010, उ.प्र.


डॉ. रेखा कक्कड़




बादल तुम
उसको भर देना
जो घट खाली

  • 502, कैलाश टावर, संजय पैलेस, आगरा-282002, उ.प्र. / फोन : 09897542756


विभा रश्मि




सौंदर्य भरा
गहरा हो हृदय 
तर जायेगा

  • 201, पराग अपार्टमेट, प्रियदर्शिनी नगर, बेदला, उदयपुर-313011, राज. / फोन : 09414296536



सनत कुमार जैन




सरगीपत्ता
उबलते चावल
छप्पनभोग

  • सन्मति इलैक्ट्रिकल, सन्मति गली, दुर्गा चौक के पास, जगदलपुर-494001, म.प्र. / फोन : 09425507942


डॉ. सुषमा सिंह




खारे आंसू भी
जाहिर करते हैं
मीठी सी खुशी

  • हिन्दी विभागाध्यक्ष, आर.बी.एस. कॉलेज, आगरा, उ.प्र. / फोन :  09358198345


कान्ता देवांगन




कोमल हाथ
बना रहे नसीले
तेंदू के पत्ते

  • प्लॉट नं. 54, वैशाली नगर, मेंहदी बाग रोड, नागपुर (महा.) / मोबाइल : 07387045465 







प्रवीण कुमार श्रीवास्तव






चोंच मारते
पैक्ड अनाज पर
मरी गौरैया

  • ग्राम : सनगांव, पोस्ट : बहरामपुर, जिला :  फतेहपुर-212622, उ.प्र.





माधुरी राऊलकर




तू भी मोहरा
आखिर तेरे लिये
कौन ठहरा

  • 76, रामनगर, नागपुर-440033 (महारष्ट्र) /  फोन नं. : 0712-2537185


रवीन्द्र देवधरे ‘शलभ’




खिला गुलाब
माली ने तोड़ डाला
बचा बबूल

  • ‘स्वराज वसुंधरा’, 310, आजमशाह ले आउट, गणेश नगर, नागपुर-440001, महा. / मोबाइल : 09404086329



कुछ और हाइकु



देशपाल सिंह सेंगर





पांच हाइकु

01.
कोयल राग
बहुत सरल है
बेचारा काग!

02.
है एक शर्त
प्यार करने में हो
न कोई शर्त!

03.
नैनों की भाषा
रेखा चित्र : उमेश महादोषी 

पढ़ते अनपढ़
बिना पढ़ाए

04.
टूटे जो दिल
पुस्तकों से जा मिल
आयेगा कल

05.
पीते जहर
ये हरे-भरे वन
शंकर बन

  • ग्राम बर्रू कुलासर-बेला, जिला: औरैया-206251 (उ.प्र.) / मोबाइल : 09997918287

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