सूर्यकान्त नागर
जन्म : 3 फरवरी 1933, शाजापुर (म.प्र.) में।
शिक्षा : विज्ञान में स्नातकोत्तर व विषि में स्नातक।
लेखन/प्रकाशन/योगदान : मूलतः कथाकार। लघुकथा, कहानी, उपन्यास के साथ व्यंग्य एवं निबन्ध लेखन भी। वरिष्ठ साहित्यकार नागर जी का लघुकथा सहित कथा-साहित्य में विशिष्ट स्थान है। लघुकथा के विकास में भी उनका समर्थन एवं योगदान उल्लेखनीय रहा है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। ‘बिष-बीज’ (लघुकथा संग्रह); गलत होते संदर्भ, सूखते पोखर की मछली, दरिन्दे, बिना चेहरे का पेट, प्रतिनिधि कहानियां, शान्ति निकेतन में डान, कोहरे से लिपे चेहरे, श्रेष्ठ कहानियां (सभी कहानी संग्रह); युद्ध जारी है, यह जग काली कूकरी (उपन्यास); गुदड़ी का लाल (व्यंग्य संग्रह); आईना (पत्र संकलन); अपने ही जाये दुःख, सड़क जो है, सेक्यूलर (सभी आलेख संग्रह) नागर जी की प्रकाशित कृतियां हैं। कई पत्र-पत्रिकाओं, एक कहानी संकलन, तथा कुछ लघुकथा संकलनों का सम्पादन भी किया है। कई पत्रों के फीचर सम्पादक रहे। कई साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्थाओं से सम्बद्ध। नागर जी के कथा-साहित्य पर एक अध्यापिका द्वारा पी-एच.डी. सम्पन्न तथा एक अध्यापक द्वारा पी-एच.डी. हेतु शोध जारी। आपके व्यक्तित्व व कृतित्व पर एक लघु फिल्म ‘जैसा हूँ मैं’ निर्मित।
सम्मान : नागर जी को म.प्र.साहित्य परिषद के सुभद्राकुमारी चौहान सम्मान, म.प्र. लेखक संघ के ‘पुष्कर सम्मान’, ‘माता शरबती देवी स्मृति सम्मान सहित कई महत्वपूर्ण सम्मान प्रदान किये जा चुके हैं।
सम्प्रति : नगर पालिका निगम के सचिव पद से सेवानिवृत, वर्तमान में व्यंग्य पत्रिका ‘वक्रोक्ति’ के विशेष सम्पादक व स्वतन्त्र लेखन।
सम्पर्क : ज्ञानोदय, 81, बैराठी कॉलोनी क्र. 2, इन्दौर-452014(म.प्र.)
फोन : 0731-2470668 / मोबा. 09893810050
अविराम में आपकी रचनाओं का प्रकाशन
नोट : १. परिचय के शीर्षक के साथ दी गयी क्रम संख्या हमारे कंप्यूटर में संयोगवश आबंटित आपकी फाइल संख्या है. इसका और कोई अर्थ नहीं है।२. उपरोक्त परिचय हमें भेजे गए अथवा हमारे द्वारा विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है. किसी भी त्रुटि के लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं. त्रुटि के बारे में रचनाकार द्वारा हमें सूचित करने पर संशोधन कर दिया जायेगा। यदि रचनाकार अपने परिचय में कुछ अन्य सूचना शामिल करना चाहते हैं, तो इसी पोस्ट के साथ के टिपण्णी कॉलम में दर्ज कर सकते हैं। यदि किसी रचनाकार को अपने परिचय के इस प्रकाशन पर आपत्ति हो, तो हमें सूचित कर दें, हम आपका परिचय हटा देंगे।
जन्म : 3 फरवरी 1933, शाजापुर (म.प्र.) में।
शिक्षा : विज्ञान में स्नातकोत्तर व विषि में स्नातक।
लेखन/प्रकाशन/योगदान : मूलतः कथाकार। लघुकथा, कहानी, उपन्यास के साथ व्यंग्य एवं निबन्ध लेखन भी। वरिष्ठ साहित्यकार नागर जी का लघुकथा सहित कथा-साहित्य में विशिष्ट स्थान है। लघुकथा के विकास में भी उनका समर्थन एवं योगदान उल्लेखनीय रहा है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। ‘बिष-बीज’ (लघुकथा संग्रह); गलत होते संदर्भ, सूखते पोखर की मछली, दरिन्दे, बिना चेहरे का पेट, प्रतिनिधि कहानियां, शान्ति निकेतन में डान, कोहरे से लिपे चेहरे, श्रेष्ठ कहानियां (सभी कहानी संग्रह); युद्ध जारी है, यह जग काली कूकरी (उपन्यास); गुदड़ी का लाल (व्यंग्य संग्रह); आईना (पत्र संकलन); अपने ही जाये दुःख, सड़क जो है, सेक्यूलर (सभी आलेख संग्रह) नागर जी की प्रकाशित कृतियां हैं। कई पत्र-पत्रिकाओं, एक कहानी संकलन, तथा कुछ लघुकथा संकलनों का सम्पादन भी किया है। कई पत्रों के फीचर सम्पादक रहे। कई साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्थाओं से सम्बद्ध। नागर जी के कथा-साहित्य पर एक अध्यापिका द्वारा पी-एच.डी. सम्पन्न तथा एक अध्यापक द्वारा पी-एच.डी. हेतु शोध जारी। आपके व्यक्तित्व व कृतित्व पर एक लघु फिल्म ‘जैसा हूँ मैं’ निर्मित।
सम्मान : नागर जी को म.प्र.साहित्य परिषद के सुभद्राकुमारी चौहान सम्मान, म.प्र. लेखक संघ के ‘पुष्कर सम्मान’, ‘माता शरबती देवी स्मृति सम्मान सहित कई महत्वपूर्ण सम्मान प्रदान किये जा चुके हैं।
सम्प्रति : नगर पालिका निगम के सचिव पद से सेवानिवृत, वर्तमान में व्यंग्य पत्रिका ‘वक्रोक्ति’ के विशेष सम्पादक व स्वतन्त्र लेखन।
सम्पर्क : ज्ञानोदय, 81, बैराठी कॉलोनी क्र. 2, इन्दौर-452014(म.प्र.)
फोन : 0731-2470668 / मोबा. 09893810050
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मुद्रित प्रारूप : सितम्बर 2011 अंक में एक लघुकथा- केसर की छोरी का दसेरा
ब्लॉग प्रारूप (अविराम विस्तारित) : अक्टूबर 2011 अंक में एक लघुकथा- माँ
नोट : १. परिचय के शीर्षक के साथ दी गयी क्रम संख्या हमारे कंप्यूटर में संयोगवश आबंटित आपकी फाइल संख्या है. इसका और कोई अर्थ नहीं है।
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