अविराम का ब्लॉग : वर्ष : १, अंक : ०५, जनवरी २०१२
।।हाइकु।।
सामग्री : केशव शरण एवं मिली शर्मा के हाइकु ।
केशव शरण
आठ हाइकु
1.
गंध पा गये
फूलों का रस लेने
भौंरे आ गये
2.
मिसाइल का
निशाना महल था
नष्ट नीड़ है
3.
चोट से ज्यादा
मरहम पट्टी से
रो रहा बच्चा
4.
फड़क उठी
छाते ही घटा
5.
कैसे संभाले
धीरे-गंभीर नदी
उद्दंड नाले
6.
पूरा करेगी
पेड़-पेड़ की इच्छा
कैसे ये लता
7.
आया न चांद
गिन-गिन के तारे
मैं सो गया हूँ
8.
जला है दिल
छंटते-छंटते ही
छंटेगा धुआं
- एस-2/564, सिकरौल, वाराणसी कैन्ट, वाराणसी-2 (उ0प्र0)
मिली शर्मा
चार हाइकु
1.
चहचहाट
नहीं गुंजाती
2.
नर्मदा नदी
साधनाओं की नदी
पूजती सदी
3.
नीम कटाया
आवरण बिगाड़ा
बजा नगाड़ा
4.
दण्डकारण्य
सागौन एवं साल
है मालामाल।
- ९२ / ७७, राजकिशोर नगर, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
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