आपका परिचय

शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2011

ब्लाग को पढ़ना और प्रतिक्रिया दर्ज करना


    हमने महसूस किय है कि समुचित जानकारी के अभाव में कई मित्रों को ब्लाग पर पढ़ने हेतु अपनी रुचि की रचनाओं के चयन एवं अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने में परेशानी हो रही है। हम इस सम्बन्ध में संक्षिप्त जानकारी यहां दे रहे हैं।
1. ब्लाग को खोलने के लिए ब्लाग के लिंक (http://aviramsahitya.blogspot.com) पर क्लिक करें। ब्लाग खुल जायेगा।
2. ब्लाग पर अपनी दाहिनी ओर की विवरण वाली पट्टी पर देखें, एक जगह ‘लेवल(ब्लाग के विभिन्न खण्ड)’ लिखा होगा। उसके नीचे ब्लाग के सभी खण्ड दर्शाये गये हैं। जिस खण्ड से सम्बन्धित सामग्री आप पढ़ना चाहते हैं, उस पर कम्पूटर के माउस से क्लिक करें। सम्बन्धित खण्ड की सामग्री प्रकाशित तिथि के क्रम में खुल जायेगी।
     सम्पादक के विचार एवं अविराम सम्बन्धी सूचनाएं पढ़ने के लिए ‘मुख पृष्ठ’ पर क्लिक करें।
     सितम्बर अंक की कविताएं, लघुकथाएं, क्षणिकाएं, हाइकु, जनक छन्द, व्यंग्य आदि रचनाएं पढ़ने के लिए ‘अविराम विस्तारित’ खण्ड खोलिए।
     अक्टूबर 2011 एवं इसके बाद के अंको में कविताएं पढ़ने के लिए ‘अविराम विस्तारित: कविता अनवरत’ उपखण्ड खोलिए। लघुकथाएं पढ़ने के लिए ‘अविराम विस्तारित: कथा प्रवाह’, क्षणिकाएं पढ़ने के लिए ‘अविराम विस्तारित: क्षणिका’, हाइकु, तांका आदि पढ़ने के लिए ‘अविराम विस्तारित: हाइकु व सम्न्धित विधाएं’, जनक छन्द व अन्य मात्रिक त्रिपदिक छन्द पढ़ने के लिए ‘अविराम विस्तारित: जनक व अन्य सम्बन्धित छन्द’, कहानी पढ़ने के लिए ‘अविराम विस्तारित: कथा कहानी’, व्यंग्य रचनाएं पढ़ने के लिए ‘अविराम विस्तारित: व्यंग्य वाण’ पर क्लिक करें।
    वैचारिक आलेख पढ़ने के लिए ‘अविराम विमर्श’, साहित्यिक गतिविधियों की सूचनाएं व समाचार पढ़ने के लिए ‘गतिविधियां’, पुस्तकों की समीक्षाएं पढ़ने के लिए ‘किताबें’, एवं लघु पत्रिकाओं पर परिचयात्मक टिप्पणियां पढ़ने के लिए ‘लघु पत्रिकाएं’ पर क्लिक करें।
   विभिन्न मुद्रित अंको में प्रकाशित रचनाकारों/सामग्री के विवरण की जानकारी के लिए ‘अविराम के अंक’ तथा अविराम के रचनाकारों का परिचय, सम्पर्क आदि की जानकारी के लिए ‘अविराम के रचनाकार’ पर क्लिक करें।
3. सामग्री पढने के बाद आप हर खण्ड की सामग्री पर अलग-अलग प्रतिक्रिया दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए ब्लाग पर हर खण्ड की सामग्री के नीचे अंग्रेजी में ’Comment’लिखा हुआ मिलेगा। आप इस पर कम्प्यूटर के माउस से क्लिक कीजिए। टिप्पणी/प्रतिक्रिया लिखने के लिए एक खिड़की खुल जायेगी। इसके अन्दर एक तरफ आपसे पूर्व दर्ज की गई टिप्पणियां होंगी। तथा दूसरी ओर या नीचे की ओर एक खाली बाक्स होगा। आपको अपनी टिप्पणी इसी खाली बाक्स में टाइप करनी है। हिन्दी/देवनागरी में टिप्पणी दर्ज करने के लिए आप ब्लाग के साथ एक नई खिड़की में अपना जी मेल खोल लीजिए। जी मेल के कम्पोज (टाइप करने वाले) स्थान पर आप अपनी टिप्पणी टाइप कर लीजिए। रोमन में टाइप करते हुए उसे देवनागरी में परिवर्तित करने की सुविधा जी मेल पर उपलब्ध है, इसके लिए टाइव शुरू करने से पहले आपको भाषा रूपान्तरण वाले आइकॉन पर हिन्दी पर क्लिक करना होगा। जब आपकी टिप्पणी देवनागरी/हिन्दी में टाइप हो जाये, तो वहां से कट/कॉपी करके ब्लाग पर टिप्पणी वाले बाक्स में पेस्ट कर दीजिए।
   इसके बाद आप अपने मेल खाते की प्रोफाइल, जिस पर आपका ई मेल बना हुआ है (जैसे, जी मेल के लिए गूगल खाता) पर क्लिक करें। इसके बाद ‘टिप्पणी पोस्ट करें’(publish) पर क्लिक करिए, आपकी ई मेल पहचान/पता और पासवर्ड मांगा जायेगा, वह आप सम्बन्धित कॉलम में टाइप करके लाग इन/एन्टर कर दीजिए। आपकी टिप्पणी हमारे पास आ जायेगी। हम जब भी अपना ई मेल चैक करेंगे, आपकी टिप्पणी प्रकाशित कर देंगे।
4. यदि आप प्रत्येक खण्ड के साथ अलग-अलग टिप्पणी लिखने की बजाय माह/अंक की सम्पूर्ण सामग्री पर एक ही टिप्पणी लिखना चाहते हैं, तो ‘मुख पृष्ठ’ अथवा अपनी इच्छानुसार किसी भी खण्ड के ’Comment’ बाक्स में अपनी टिप्पणी दर्ज कर सकते हैं।
5. पाठकों की डाक से प्राप्त प्रतिक्रियाएं हम सम्बंधित अंक के 'कमेन्ट' बोक्स में दर्ज कर देते हैं। जून २०११ अंक की प्रतिक्रियाएं दर्ज हैं। सम्बंधित (जून या जिस अंक पर प्रतिक्रिया भेजी हो) अंक के कमेन्ट बॉक्स को खोलकर पढ़ी जा सकती हैं। सितम्बर अंक पर प्रतिक्रियाएं जल्दी ही दर्ज कर दी जायेंगी।

8 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय सर,
    यह अंक बहुत ही अच्छा लगा|इस पत्रिका में सारी विधाएँ शामिल हैं,यह बहुत उत्साहवर्धक है|रामेश्वर काम्बोज हिमांशु सर ने एक नई विधा से परिचय कराया है,वह है हाइगा|यदि सुविधाजनक लगे तो इस विधा को भी अपनी पत्रिका में शामिल करने पर विचार कर सकते हैं|इस विधा के लिए मेरा एक स्पेशल ब्लॉग है|उसका लिंक दे रही हूँ|इसपर मेरा हाइगा तो है ही,साथ में वरिष्ठ हाइकुकारों के हाइकुओं पर आधारित हाइगा भी हैं|मैं आपके ब्लॉग की सदस्य भी हूँ|
    लिंक नीचे है|
    http://hindihaiga.blogspot.com/

    सादर
    ऋता शेखर 'मधु'

    जवाब देंहटाएं
  2. प्रिय उमेशजी,अविराम को ब्लोग रूप में देख कर अत्यन्त प्रसन्नता हुई|बहुत आकर्षक और सुरुचिपूर्ण है|रचनाओं का चयन भी उम्दा है|आप और आपकी टीम का परिश्रम मुंह बोल रहा है|बधाई स्वीकार करें|

    जवाब देंहटाएं
  3. MAHADOSHI JI , PATRIKA MAI NIRANTER SUGHAR AA RAHA HA, PATRIKA KAI PANOO KA APP PURA SADUPIYOG KAR RAH HAI. EASI KARMATHA SAY NISBARAT BHAWANA SAY LEG RAHIYA APP KA NARESH KUMAR UDASS, PALAMPUR. 176061 (H.P) 176061 MOBIL NO 09418193842

    जवाब देंहटाएं