आपका परिचय

गुरुवार, 28 जून 2012

181. सालिग्राम सिंह ‘अशान्त’


सालिग्राम सिंह ‘अशान्त’










लेखन/प्रकाशन/योगदान :  अशान्त जी गीत, नवगीत, समकालीन कविता, ग़ज़ल, निबन्ध और आलोचना के वरिष्ठ एवं प्रतिष्ठित रचनाकार हैं। गन्धराज: रजनीगन्धा, बसन्त लौट जाओ, अर्चना, अंजुरी में आकाश, वहाँ कोई चाँद नहीं है (सभी काव्य संग्रह) खिड़की पर चाँद (नवगीत संग्रह), काँटों में फँसी रोशनी (जनवादी गीतों का संग्रह), शकुन्तला (प्रबन्ध काव्य), आइना और अक्स (ग़ज़ल संग्रह), आलोचना के नये संदर्भ तथा दो निबन्ध संग्रह अपकी प्रकाशित पुस्तके हैं। कई पत्रिकाओं के सम्पादक रहे अशान्त जी को बिहार के दर्जनों साहित्यिक मंचों से सम्मानित किया गया है। पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का नियमित प्रकाशन। 


सम्प्रति : प्राचार्य पद से सेवानिवृति के बाद लेखन के लिए समर्पित।


सम्पर्क : एस.पी.कोठी के पीछे, एस.डी.ओ.रोड, हाजीपुर, वैशाली-844101 (बिहार)।
                      मोबाइल :  09386535026






अविराम में प्रकाशन 


मुद्रित अंक : सितम्बर 2011 अंक में एक गीत रचना ‘रात भर चकोरों ने चाँद को पिया’।











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