मदन मोहन उपेन्द्र
जन्म : 08.09.1934, जलेसर, एटा (उ.प्र.)।
शिक्षा : बी.कॉम., साहित्य रत्न।
लेखन/प्रकाशन/योगदान : कविता, गीत, ग़ज़ल, कहानी, लघुकथा, समीक्षा, साक्षात्कार आदि विविध विधाओं में लेखन। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। उलझी अलकें, किरण भर उजाले को, जन्मेजय, बच्चे चुप हैं, सवेरा होने वाला है, बदल गये दस्तूर (कविता संग्रह); खरीदा हुआ वह, दुम हिलाता आदमी, फटोली राम का सत्य (कहानी संग्रह); पेशावर पर्व (लघु नाटक); लालच बुरी बला (पंचतंत्र की पद्यकथाएँ), कंजूस राजा (लोक कथाएँ); अंतरिक्ष की कथाएँ, नारद जी बन्दर बने (खण्डकाव्य) आपकी प्रकाशित कृतियाँ हैं। उपेन्द्र जी ने रक्त तिलक, कहानियाँ भोर की एवं पुरवा की पायल पुस्तकों का सम्पादन भी किया है। आपने 1972 से 1980 तक हिप्रस (मासिक) तथा अतिरेक (मासिक) संपादन किया। 1989 से ‘सम्यक’ पत्रिका का संपादन-प्रकाशन कर रहे हैं।
संप्रति : भारतीय लेखा सेवा, प्रयाग (उ.प्र.) में लेखाधिकारी के पद से सेवानिवृत्ति के बाद स्वतंत्र लेखन। साथ ही ‘सम्यक’ के संपादक-प्रकाशक एवं निदेशक- हिन्दी प्रचार सभा, मथुरा।
संपर्क : संयोजक, सम्यक संस्थान, ए-10, शान्ति नगर (संजय नगर), मथुरा-281001 (उ.प्र.)
अविराम में प्रकाशन
ब्लॉग प्रारूप : जुलाई 2012 अंक में दो लघुकथाएँ- ‘पैसा माई-बाप’ व ‘पाँच साल बाद’।
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