सजीवन मयंक
जन्म : 21.10.1943, होशंगाबाद में। पूरा नाम सजीवन दरस गुबरेले ‘मयंक’।
शिक्षा : एम.एस-सी. (रसायन शास्त्र), हिन्दी विशारद।
लेखन/प्रकाशन/योगदान : गीत, नवगीत, ग़ज़ल, व्यंग्य, मुक्तक एवं क्षणिका विधाओं में सृजन। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित। आकाशवाणी से प्रसारण। माटी चन्दन है, उजाले की कसम, दिन अभी ढला नहीं, गाते चलें पढ़ाते चलें, फागुन आने वाला, किसकी तलाश है व जिन्दगी के स्वर प्रकाशित काव्य कृतियाँ। पिता स्व. पं. रामदास गुबरेले वरिष्ठ पत्रकार एवं स्वाधीनता संग्राम में कांग्रेस सेवादल के सक्रिय सदस्य रहे।
सम्मान : रंग भारती, हिन्द युग्म आदि द्वारा कुछ रचनाएँ पुरस्कृत।
सम्प्रति : प्राचार्य पद से सेवानिवृति के बाद समर्पित लेखन।
सम्पर्क : 251, शनिचरा वार्ड-1, नरसिंह गली, होशंगाबाद-461001 (म.प्र.)
दूरभाष : 07574-252850 / मोबाइल : 09425043627
ई मेल : sajeevanmayank@rediffmail.com एवं sajeevan_gubrelay@yahoo.co.in
अविराम में प्रकाशन
ब्लॉग प्रारूप : अक्टूबर 2012 अंक में एक काव्य रचना- ‘अपने पांव पर खड़ा होगा’।
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