अविराम का ब्लॉग : वर्ष : 2, अंक : 2, अक्टूबर २०१२
।। संभावना।।
पुष्पा गुप्ता
राजनीति विज्ञान एवं हिन्दी में स्नातकोत्तर अध्यापिका पुष्पा जी का एक कहानी संग्रह ‘साधना’ एवं एक कविता संग्रह ‘यथार्थ’ प्रकाशित हो चुका है।
दो क्षणिकाएं
1.
कब बहार आयी
कब गयी
न जान सके हम।
पतझड़ ने भी
दे दी दस्तक
न जान सके हम।
2.
ख्वाबों को ताबीर
न मिल सकी
जवानी को बहार
न मिल सकी
भावों के तूफान को
कश्ती न मिल सकी
डूबते रहे उतराते रहे
मन्जिल न मिल सकी।
।। संभावना।।
सामग्री : पुष्पा गुप्ता अपनी दो क्षणिकाओं के साथ।
पुष्पा गुप्ता
राजनीति विज्ञान एवं हिन्दी में स्नातकोत्तर अध्यापिका पुष्पा जी का एक कहानी संग्रह ‘साधना’ एवं एक कविता संग्रह ‘यथार्थ’ प्रकाशित हो चुका है।
दो क्षणिकाएं
1.
कब बहार आयी
कब गयी
न जान सके हम।
पतझड़ ने भी
दे दी दस्तक
न जान सके हम।
छाया चित्र : रितेश गुप्ता |
2.
ख्वाबों को ताबीर
न मिल सकी
जवानी को बहार
न मिल सकी
भावों के तूफान को
कश्ती न मिल सकी
डूबते रहे उतराते रहे
मन्जिल न मिल सकी।
- कटरा बाजार, महमूदाबाद (अवध), सीतापुर-261203 (उ.प्र.)
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