अविराम का ब्लॉग : वर्ष : 2, अंक : 2, अक्टूबर 2012
।।जनक छन्द।।
सामग्री : महावीर उत्तरांचली के दस जनक छंद।
महावीर उत्तरांचली
दस जनक छन्द
1.
मस्त उमंगों से भरा
यारो कभी न खत्म हो
जीवन रंगों से भरा
2.
क्या होगा अगला चरण
जाने है परमात्मा
हानि-लाभ, जीवन-मरण
3.
मन की आँखें खोल तू
सच्चाई पहचान ले
अन्तरमन से बोल तू
4.
हर सू ही छाई कमी
ढूंढ़े से दिखता नहीं
एक भला-सा आदमी
5.
सूरज की पहली किरन
नई राह की खोज में
जैसे चंचल हिरन
6.
हर सुख से है दुख बड़ा
दुख को जब तोला गया
खुशियों पर भारी पड़ा
7.
जीवन की नैया चली
तूफानों के बीच भी
लौ यह मुस्काती जली
8.
बात हृदय की कह गए
जनक छन्द के रूप में
सब दिल थामे रह गए
9.
उर में यदि संकल्प हो
कालजयी रचना बने
काम भले ही अल्प हो
10.
सोच समझकर यार लिख
अजर-अमर हैं शब्द तो
थामें कलम विचार लिख
।।जनक छन्द।।
सामग्री : महावीर उत्तरांचली के दस जनक छंद।
महावीर उत्तरांचली
दस जनक छन्द
1.
मस्त उमंगों से भरा
यारो कभी न खत्म हो
जीवन रंगों से भरा
2.
क्या होगा अगला चरण
जाने है परमात्मा
हानि-लाभ, जीवन-मरण
3.
मन की आँखें खोल तू
सच्चाई पहचान ले
अन्तरमन से बोल तू
4.
हर सू ही छाई कमी
ढूंढ़े से दिखता नहीं
एक भला-सा आदमी
5.
सूरज की पहली किरन
नई राह की खोज में
जैसे चंचल हिरन
6.
छाया चित्र : शशिभूषण बडोनी |
दुख को जब तोला गया
खुशियों पर भारी पड़ा
7.
जीवन की नैया चली
तूफानों के बीच भी
लौ यह मुस्काती जली
8.
बात हृदय की कह गए
जनक छन्द के रूप में
सब दिल थामे रह गए
9.
उर में यदि संकल्प हो
कालजयी रचना बने
काम भले ही अल्प हो
10.
सोच समझकर यार लिख
अजर-अमर हैं शब्द तो
थामें कलम विचार लिख
- बी-4/79, पर्यटन विहार, बसुन्धरा एंक्लेव, नई दिल्ली-110096
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