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शनिवार, 8 दिसंबर 2012

अविराम विस्तारित

अविराम का ब्लॉग :  वर्ष : 2,  अंक : 3,  नवम्बर 2012  

।हाइकु।।

सामग्री : इस अंक में डॉ. सुधा गुप्ता के पाँच तांका।



डॉ. सुधा गुप्ता



पाँच ताँका

1.
सुन रे बच्चे!
सपने तेरे बड़े
नयन छोटे
आकाश तेरा घर
ले उड़ान जी-भर

2.
नाप धरा है
आकाश औ‘ पाताल
पल भर में
मुट्ठी भर का दिल
कितनी हलचल!

3.
सूरज हँसे
रेखांकन : के. रविन्द्र 
धरा कैसी दीवानी
अजब नशा
रोज़ देखे सपने
कभी न हों अपने

4.
निडर चोर
सब चुरा ले गया
नींद, सपने
छोड़ गया तो बस
सूजी-सूजी पलकें

5.
धान की पौध
रोपती हैं औरतें
बोती सपने
बँधे नया छप्पर
बेटी जाये ‘पी’ घर

  • 120 बी/2, साकेत, मेरठ (उ.प्र.)

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