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शनिवार, 8 दिसंबर 2012

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अविराम  ब्लॉग संकलन :  वर्ष :  02, अंक :  03,  नवम्बर  2012


डॉ. सतीश दुबे को ‘स्वर्ग विभा तारा राष्ट्रीय सम्मान’


 

इन्दौर एवं मुम्बई की साहित्यिक व सांस्कृतिक बेवसाइट संस्था ‘‘स्वर्ग विभा’’ द्वारा समग्र अवदान एवं आमंत्रित श्रेष्ठ कृतियों के आधार पर चयनित पाँच साहित्यकारों-पत्रकारों को दिया जाने वाले ‘स्वर्ग विभा तारा राष्ट्रीय सम्मान 2012’ के लिए वरिष्ठ कथाकार डॉ. सतीश दुबे का चयन उनके चर्चित उपन्यास ‘डेरा बस्ती का सफरनामा’ के लिए किया गया है।
परियावाँ (इलाहाबाद) में आयोजित समारोह में सम्मान स्वरूप भेंट अलंकरण उपकरण शाल, स्मृति चिह्न, प्रशस्ति पत्र एवं सम्मान राशि उनकी अस्वस्थता के कारण इलाहाबाद से प्रकाशित ‘पूर्वांचल पथिक’ पत्रिका के संपादक श्री वसारथ खान द्वारा ग्रहण किये गये। (समाचार सौजन्य : मनोज सेवलकर, सचिव : सृजन संवाद, इन्दौर)




अशोक भाटिया को सारस्वत सम्मान


बाएँ से - प्रो. ऋषभ देव शर्मा, आशीष नैथानी,
 डॉ. राधे श्याम शुक्ल, डॉ. अशोक भाटिया,
 डॉ. एम. वेंकटेश्वर, के. नागेश्वर,
 डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा एवं संपत देवी मुरारका

नवोदित सांस्कृतिक-साहित्यिक पत्रिका ''भास्वर भारत'' के तत्वावधान में यहाँ दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के खैरताबाद स्थित सम्मलेन कक्ष में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से पधारे साहित्यकार डॉ. अशोक भाटिया का सारस्वत सम्मान किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता अंग्रेज़ी और विदेशी भाषा विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. एम. वेंकटेश्वर ने की तथा संचालन 'स्रवंति' की सहसंपादक डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा ने किया. 

आयोजन का विशेष आकर्षण था 'कथाकथन', जिसके अंतर्गत अतिथि रचनाकार अशोक भाटिया ने अपनी 'भीतर का सच', 'तीसरा चित्र ', 'रिश्ते', 'रंग', 'पीढ़ी दर पीढ़ी' और 'श्राद्ध' जैसी लघुकथाओं का भावपूर्ण वाचन किया. साथ ही उन्होंने अपनी कुछ कविताएँ भी प्रस्तुत कीं. चर्चा में उनकी रचना 'ज़िंदगी की कविता' के इस अंश को खूब सराहा गया- ''कविता/ घरैतिन के हाथों से होकर/ तवे पर पहुंचती है/ तो बनती है रोटी/ जहाँ कहीं भी कविता है/ वहाँ जीवन का/ जिंदा इतिहास रचा जा रहा है.''
डॉ. अशोक भाटिया दक्षिण हिंदी प्रचार सभा की
 पत्रिका भास्वर भारत का विमोचन करते हुए

       इस अवसर पर डॉ. भाटिया ने संगठन द्वारा प्रकाशित पत्रिका भास्वर भारत का विमोचन भी किया. पठित लघुकथाओं पर डॉ. एम. वेंकटेश्वर, डॉ. राधेश्याम शुक्ल, लक्ष्मी नारायण अग्रवाल, आशीष नैथानी, पवित्रा अग्रवाल, वेत्सा पांडुरंगा राव, संपत देवी मुरारका, ऋतेश सिंह, अशोक तिवारी, डॉ. सीमा मिश्र, वी. कृष्णा राव और नागेश्वर राव ने समीक्षात्मक टिप्पणियाँ कीं। (समाचार सौजन्य : डॉ अशोक भाटिया )







स्व. अ. कु. शुक्ल स्मृति युवा कविता प्रतियोगिता : 
प्रविष्टियां आमंत्रित

हम सब साथ साथ पत्रिका एवं अक्षित लैगवेज सर्विस द्वारा कन्या भ्रूण हत्या विषय पर 35 वर्ष तक के युवा कवियों के लिये आयोजित स्व. श्री अजय कुमार शुक्ल, स्मृति युवा कविता प्रतियोगिता हेतु देश भर की युवा प्रतिभाओं से 20 दिसम्बर,2012 तक स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित कवितायें उनके स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित होने की घोषणा, जन्म प्रमाण पत्र, फोटो एवं बायोडाटा के साथ नीचे दिये गये पते पर आमंत्रित हैं। चयनित प्रतिभाओं को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं
प्रोत्साहन पुरस्कार के रूप में नकद धनराशि, प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया जायेगा।





प्रविष्टियां भेजने का पताः- कविता प्रतियोगिता, द्वारा, संपादक- हम सब साथ साथ पत्रिका, 916- बाबा फरीदपुरी, वेस्ट पटेल नगर, नई दिल्ली-110008 मो. 9868709348   (समाचार सौजन्य : किशोर श्रीवास्तव )



पंकस अकादमी का सम्मान समारोह सम्पन्न




विगत 25 नवम्बर 2012 को पंजाब साहित्य कला अकादमी जालंधर का 16 वां सम्मान समारोह गुरुनानक देव जिला पुस्तकालय जालन्धर में संपन्न हुआ। इस अवसर पर देश के अनेक राज्यों से आये कई साहित्यकारों, पत्रकारों, समाज सेवियों तथा नेपाल के एक साहित्यकार को उनकी सेवाओं के लिए अकादमी द्वारा विभिन्न सम्मानों से सम्मानित किया। समारोह में मंचासीन अतिथियों में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री ठाकुर सत्य प्रकाश, साहित्यकार डा. रश्मि खुराना, प्रताप सिंह सोढ़ी, सुरेश सेठ, डी.आर. विज, राजेन्द्र परदेशी, दीपक जालन्धरी ले.कर्नल मनमोहन सिंह आदि प्रमुख थे। संचालन अकादमी के अध्यक्ष डा. सिमर सदोष ने किया। इस बार का शीर्ष सम्मान ‘श्रीमाँ दरशी शिखर सम्मान’ मणिपुर में शिक्षिका एवं युवा कवयित्री डा. कंचन को दिया गया। श्री देवांशु पॉल को छत्तीसगढ़ गौरव के सम्मान, कुसुम खुश्बू को ग़ज़ल अवार्ड, विजय कुमार को बाल साहित्य रत्न, प्रीति रमोला गुसांई व निशा भौंसले को आधी दुनियां पंकस अकादमी अवार्ड, राम प्रकाश शर्मा को कला पारखी अवार्ड प्रदान किया गया। विषिश्ट अकादमी सम्मान से सम्मानित होने वालों में डा. प्रेम कुमार खत्री (नेपाल) तथा भारत के देवेन्द्र नाथ शाह, डा. अशोक बाचुलकर, डा. तारिक असलम तस्नीम, डा. सी जयशंकर बाबू, डा. रमा प्रकाश नवले, डा. सुशील दाहिमा अभय, गुनू घर्ती, डा. जय सिंह अलवरी, डा. पीतवास मिश्र, डा. पुरुषोत्तम दुबे व डा. उमेश महादोषी शामिल रहे। डा. रीता सिंह सर्जना, शिवेन्द्र नाथ चौधरी, राजेश कौशिक, डा. उमिला साव कामना, महेन्द्र मयंक, एस.पी. सिंह, डा. रश्मि मल्होत्रा, इन्द्रपाल मिड्डा, रघुविन्द्र यादव को विशेष अकादमी सम्मान प्रदान किया गया। आजीवन उपलब्धि सम्मान डा. बलदेव सिंह बर्द्धन व सुरेन्द्र पाल को तथा पहली बार सृजित मानव सेवा सम्मान से श्रीमती प्रेम लता ठाकुर एवं डा. जसदीप सिंह को नवाजा गया।
       कार्यक्रम का आरम्भ सामूहिक दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। इसके बाद डा. सदोष ने मेहमानों का संक्षिप्त परिचय दिया। इस अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।



'कुंडलिया छंद के सात हस्ताक्षर' का लोकार्पण




आगरा ( 05 अक्टूबर) 'समानान्तर' संस्था के तत्वाधान मे 'यूथ हास्टल सभागार' मे त्रिलोक सिंह ठकुरेला द्वारा सम्पादित 'कुंडलिया छंद के सात हस्ताक्षर ' का विमोचन यशस्वी कवि श्री सोम ठाकुर,  बाबूजी का भारतमित्र ' के सम्पादक श्री रघुविंद्र यादव,  डा.राजेंद्र मिलन और 'समानान्तर' संस्था की अध्यक्षा डा. शशि गोयल द्वारा किया गया। बतौर मुख्य अतिथि कवि सोम ठाकुर जी ने कहा कि कुंडलिया एक लोकप्रिय विधा रही है। आज इसके संरक्षण की जरूरत है। त्रिलोक सिंह ठकुरेला द्वारा सम्पादित 'कुंडलिया छंद के सात हस्ताक्षर' इस दिशा मे सराहनीय प्रयास है। सुपरिचित रचनाकार श्री रघुविंद्र यादव ने पुस्तक की प्रशंशा करते हुए सम्पादक और इसके सभी रचनाकारों को बधाई दी। इस अवसर पर समानांतर संस्था की ओर से त्रिलोक सिंह ठकुरेला एवम रघुविंद्र यादव को श्री सोम ठाकुर द्वारा सारस्वत सम्मान देकर सम्मनित किया गया।  कार्यक्रम मे डा.रामसनेही लालशर्मा 'यायावर' गाफिल स्वामी,राजेश प्रभाकर,शेशपाल सिंह शेष ,ड्रा.एम.पी.विमल,अजीत फौजदार, सुरेंद्र सिंह वर्मा सहित अनेक साहित्यकार व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.अंत मे कवि सम्मेलन का आयोजन भी गया.कार्यक्रम का संचालन अशोक अश्रु ने किया.संयोजन श्री शिव कुमार दीपक द्वारा किया गया।  (समाचार सौजन्य : त्रिलोक सिंह ठकुरेला )

फेसबुक मैत्री सम्मेलन का आयोजन


भरतपुर में 29-30 सितम्बर, 2012 को हम सब साथ साथ पत्रिका, नई दिल्ली एवं अपना घर, भरतपुर के संयुक्त तत्वावधान में फेसबुक से जुड़ी साहित्यिक, सांस्कृतिक व सामाजिक प्रतिभाओं को एक मंच पर इकट्ठा करने व उन्हें एक-दूसरे से रूबरू कराने के उद्वेश्य से भरतपुर (राजस्थान) में फेसबुक मैत्री सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। सम्मेलन के दौरान परिचय सत्र, विचार-विमर्श गोष्ठी, श्री किशोर श्रीवास्तव कृत जन चेतना कार्टून पोस्टर प्रदर्शनी ‘‘खरी-खरी‘‘ के आयोजन सहित गीत-संगीत की चौपाल व कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया। सम्मेलन के दौरान प्रतिभागियों के लिये फतेहपुर सीकरी के भ्रमण का कार्यक्रम भी रखा गया। जिसमें प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में शामिल प्रमुख व्यक्तित्वों में सर्वश्री पं. सुरेश नीरव, सुभाष चंदर, अरविन्द पथिक (गाजियाबाद), रघुनाथ मिश्र (कोटा), ए. कीर्तिवर्द्धन (मुजफ्फर नगर), अशोक खत्री (भरतपुर), यशवन्त दीक्षित (नागदा), मानव मेहता (टोहाना), ओम प्रकाश यती, ऋचा मि़श्रा (नौएडा), नवीन शुक्ला (झांसी), संदीप सृजन (उज्जैन), अतुल जैन सुराणा (आस्था), अजय अज्ञात (फरीदाबाद) सहित दिल्ली से डा. रेखा व्यास, साज़ देहलवी, डा. सुधाकर आशावादी, सुषमा भंडारी, शशि श्रीवास्तव, पूनम माटिया, संगीता शर्मा, पूनम तुषामड, किशोर श्रीवास्तव, डा. मधुर, हेमलता एवं अनेक स्थानीय प्रतिभाओं ने भाग लिया और अपनी विभिन्न कलाओं से समारोह को विशेष गरिमा प्रदान की। 
        सम्मेलन के दौरान जहां श्रीमती सुषमा भंडारी की काव्य कृति ‘अक्सर ऐसा भी’ का गणमान्य अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया वहीं सर्वश्री सुरेश नीरव एवं पूनम माटिया को श्रीमती सरस्वती सिंह स्मृति मैत्री-भाईचारा अवार्ड व अन्य प्रतिभाओं को प्रतिभागिता सम्मान से सम्मानित भी किया गया। सम्मेलन के विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता सर्वश्री पं. सुरेश नीरव एवं सुभाष चंदर ने की वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री रघुनाथ मिश्र उपस्थित थे। संचालन क्रमशः सर्वश्री अरविन्द पथिक व किशोर श्रीवास्तव ने किया। अंत में आभार अपना घर के संचालक द्वय डॉ. भारद्वाज एवं श्रीमती माधुरी ने व्यक्त किया। (समाचार सौजन्य : किशोर श्रीवास्तव )


ललित गर्ग को अणुव्रत लेखक पुरस्कार

                                     
        
           अणुव्रत महासमिति द्वारा प्रतिवर्ष उत्कृष्ट नैतिक एवं आदर्श लेखन के लिए प्रदत्त किया जाने वाला ‘अणुव्रत लेखक पुरस्कार’ वर्ष-2012 के लिए लेखक, पत्रकार एवं समाजसेवी श्री ललित गर्ग को प्रदत्त किया जायेगा। इस आशय की घोषणा 29 नवम्बर 2012 को अणुव्रत महासमिति के अध्यक्ष श्री बाबूलाल गोलछा ने अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण के सान्निध्य में जसोल (राजस्थान) में आयोजित भव्य समारोह में की। पुरस्कार का चयन तीन सदस्यीय चयन समिति द्वारा दिये गये सुझावों पर किया गया है। पुरस्कार के रूप में 51,000/- (इक्यावन हजार रुपए) की नकद राशि, प्रशस्ति पत्र एवं शॉल प्रदत्त की जाती है।
   श्री गर्ग के चयन की जानकारी देते हुए श्री गोलछा ने बताया कि अणुव्रत पाक्षिक के लगभग डेढ़ दशक तक संपादक रह चुके श्री गर्ग अणुव्रत लेखक मंच की स्थापना के समय से सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं। अणुव्रत आंदोलन की गतिविधियों में उनका विगत तीन दशकों से निरन्तर सहयोग प्राप्त हो रहा है। नई सोच एवं नए चिंतन के साथ उन्होंने अणुव्रत के विचार-दर्शन को एक नया परिवेश दिया है। समस्याओं को देखने और उनके समाधान प्रस्तुत करने में उन्होंने अणुव्रत के दर्षन को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है। आचार्य श्री तुलसी, आचार्य श्री महाप्रज्ञ एवं वर्तमान में आचार्य श्री महाश्रमण के कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाने में उनका विशिष्ट योगदान है। विदित हो इससे पूर्व श्री गर्ग को पहला आचार्य श्री महाप्रज्ञ प्रतिभा पुरस्कार प्रदत्त किया गया जिसके अंतर्गत एक लाख रुपये की नगद राशि व प्रशस्ति पत्र दिया गया। इसके अलावा भी श्री गर्ग को अनेक पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त हुए हैं। राजस्थान के प्रख्यात पत्रकार एवं स्वतंत्रता सेनानी स्व॰ श्री रामस्वरूप गर्ग के कनिष्ठ पुत्र श्री गर्ग वर्तमान में ‘समृद्ध सुखी परिवार’ मासिक पत्रिका के संपादक हैं एवं अनेक रचनात्मक एवं सृजनात्मक गतिविधियों के साथ जुड़कर समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान प्रदत्त कर रहे हैं।
       स्वर्गीय ‘शासनभक्त’ हुकुमचंद सेठिया, जलगाँव (महाराश्ट्र) की पुण्य स्मृति में प्रतिवर्ष दिये जाने वाले अणुव्रत लेखक पुरस्कार से अब तक स्व॰ श्री धरमचंद चोपड़ा, डॉ. निजामुद्दीन, श्री राजेन्द्र अवस्थी, श्री राजेन्द्र षंकर भट्ट, डॉ. मूलचंद सेठिया, डॉ. के. के. रत्तू, डॉ. छगनलाल शास्त्री, श्री विश्वनाथ सचदेव, डॉ. नरेन्द्र शर्मा कुसुम, डॉ. आनंद प्रकाश त्रिपाठी, श्रीमती सुषमा जैन एवं प्रो. उदयभानू हंस सम्मानित हो चुके हैं। श्री गर्ग को यह पुरस्कार शीघ्र ही समारोहपूर्वक प्रदत्त किया जायेगा। (समाचार सौजन्य: बरुण कुमार सिंह, ए-56/ए, प्रथम तल, लाजपत नगर-2, नई दिल्ली-11002 मो. 9968126797)


श्रीमती शशि श्रीवास्तव को संपादक रत्न की उपाधि


पिछले दिनों साहित्य मण्डल श्रीनाथद्वारा द्वारा श्रीनाथद्वारा (राजस्थान) में आयोजित हिन्दी लाओ, देश बचाओ नामक भव्य समारोह के दौरान अनेक हिन्दी सेवियों व संपादकों को सम्मानित किया गया।
सम्मानित विद्वानों में दिल्ली से मैत्री-भाईचारे के प्रचार-प्रसार व साहित्यकारों को अनेक उपयोगी सूचनायें प्रदान करने में विगत 10 वर्षों से निरन्तर संलग्न पत्रिका हम सब साथ साथ की संपादक श्रीमती शशि श्रीवास्तव को संपादक रत्न की उपाधि से विभूषित किया गया। 
(समाचार सौजन्य : किशोर श्रीवास्तव )



सुनील परीट को पी-एच.डी. की उपाधि 


डाँसुनील परीट जी को दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा चेन्नै ने पी.एच.डी. की उपाधि प्रदान की है। सभा के ७५ वे दीक्षान्त भव्य  समारोह में यू.जी.सीके अध्यक्ष प्रोवेद प्रकाश जी ने पीएच.डीकी उपाधि प्रदान करके सम्मानित किया है। डाँसुनील परीट जी ने "अन्तिम दशक की हिन्दी कविता में नैतिक मूल्यइस विषय पर शोअधकार्य किया है। डाँसुनील परीत जी को डाँडि.बी.पांद्रे जी ने मार्गदर्शन किया। डाँ.सुनील पईट जी कर्नाटक में सरकारी उच्च माध्यमिक पाठशाला लक्कुंडी में सात  साल से हिन्दी अध्यापक के रुप में कार्यरत हैं और सात साल से हिन्दी का प्रचार-प्रसार भी कर रहे हैं। वे कर्नाटक के प्रसिड्द कवि एवं लेखक के रुप में भी जाने जाते हैं।  (समाचार सौजन्य : सुनील परीट )

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