अविराम ब्लॉग संकलन : वर्ष : 3, अंक : 11-12 , जुलाई-अगस्त 2014
सामग्री : डॉ. सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी की बाल कविता बाल चित्रकार राधिका शर्मा के चित्र के साथ।
डॉ. सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी
वृक्षदेव
सबसे श्रेष्ठ हैं वृक्षदेव।
देते नित आम सन्तरा सेव।
मिलती इनसे शुद्ध हवा,
सभी रोगों की तन्त दवा।
इनसे पाते लकड़ी घास,
और भी कई तरह की आश।
भू-क्षरण भी वृक्ष रोकते,
वर्षा जल जड़ों से सोखते।
तब धरा-गर्भ में टिकता जल,
होता समस्याओं का हल।
पर्यावरण भी होता निर्मल,
शुभ होता है इससे हर कल।
प्रत्यक्ष देव हैं ये सब पेड़,
पलती भैंसें बकरी भेड़।
कई उद्योगों का आधार,
इनसे बनते हैं घर-द्वार।
ईंधन के भी काम में आते,
इन्हें बीनने जंगल जाते।
रोजगार भी इनसे मिलता,
इन्हें देख चेहरा है खिलता।
शहर-गांव के जनों को जगायें,
आवो मिल सब वृक्ष लगायें।
।। बाल अविराम ।।
सामग्री : डॉ. सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी की बाल कविता बाल चित्रकार राधिका शर्मा के चित्र के साथ।
डॉ. सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी
वृक्षदेव
सबसे श्रेष्ठ हैं वृक्षदेव।
देते नित आम सन्तरा सेव।
मिलती इनसे शुद्ध हवा,
सभी रोगों की तन्त दवा।
इनसे पाते लकड़ी घास,
और भी कई तरह की आश।
भू-क्षरण भी वृक्ष रोकते,
वर्षा जल जड़ों से सोखते।
तब धरा-गर्भ में टिकता जल,
चित्र : राधिका शर्मा |
होता समस्याओं का हल।
पर्यावरण भी होता निर्मल,
शुभ होता है इससे हर कल।
प्रत्यक्ष देव हैं ये सब पेड़,
पलती भैंसें बकरी भेड़।
कई उद्योगों का आधार,
इनसे बनते हैं घर-द्वार।
ईंधन के भी काम में आते,
इन्हें बीनने जंगल जाते।
रोजगार भी इनसे मिलता,
इन्हें देख चेहरा है खिलता।
शहर-गांव के जनों को जगायें,
आवो मिल सब वृक्ष लगायें।
- प्रभारी प्रधानाचार्य, राज. इं. कालेज, रणसोलीधार (चन्द्रवदनी), पो.आ. पुजार गांव वाया हिंडोला खाल, जिला टिहरी गढ़वाल-249122, उ.खंड / मोबाइल : 09690450659
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