अविराम ब्लॉग संकलन : वर्ष : 4, अंक : 05-06, जनवरी-फ़रवरी 2015
।।बाल अविराम।।
सामग्री : इस अंक में कवि डॉ. अशोक कुमार गुप्त 'अशोक' के दो बाल गीत बाल चित्रकार सर्वज्ञ उनियाल के चित्रों के साथ।
{कवि डॉ. अशोक कुमार गुप्त ‘अशोक’ बच्चों के लिए भी रचनाएं लिखते हैं। कुछ माह पूर्व ही उनके बाल गीतों का एक संग्रह ‘‘बटोही के बाल गीत’ प्रकाशित हुआ है। यहां उनके इसी संग्रह से दो बालगीत प्रस्तुत हैं। साथ ही नन्हे-मुन्ने सर्वज्ञ उनियाल के पहली बार कुछ चित्र।}
कृष्ण कन्हैया
सुघर साँवरे कृष्ण कन्हैया
बलदाऊ के प्यारे भैया
खेल खेल में माखन खाते
बछड़ा-गैया नित्य चराते
चित्र : सर्वज्ञ उनियाल |
कालीदह में नाग नथैया
बलदाऊ के प्यारे भैया
माखन मिसरी हमें खिलाओ
टॉफी, बिस्कुट भी दिलवाओ
तान मिलाएँ ता-ता थैया
बलदाऊ के प्यारे भैया
बस्ता बहुत हो गया भारी
दुःख जाती है पीठ हमारी
बोझ करो कम गिरिधर भैया
बलदाऊ के प्यारे भैया
मुरली सुन बोलें मधुबानी
झूम उटें सब हिन्दुस्तानी
चित्र : सर्वज्ञ उनियाल |
जग प्रसिद्ध हो रास रचैया
बलदाऊ के प्यारे भैया
बहुत जरूरी जग में पानी
कहते हमसे नाना नानी
बहुत जरूरी जग में पानी
करिए मत इसको बरबाद
यह करता जग को आबाद
जीवन का आधार यही है
जीव जगत का सार यही है
मीठा खारा मटमैला है
अम्बर धरती तक फैला है
बिन पानी सब सूना लगता
बड़े-बड़ों को चूना लगता
इसका आदर करना सीखो
वर्षा जल को भरना सीखो
पानी संचय, पुण्य काम है
चित्र : सर्वज्ञ उनियाल |
जग में होता, बहुत नाम है
पानी रखकर रहें ‘अशोक’
पावन करें सदा यह लोक।
- 124/15, संजय गाँधी नगर, नौबस्ता, कानपुर-21, उ.प्र. / मोबाइल : 09956126487
नए बाल चित्रकार
सर्वज्ञ उनियाल
माँ : श्रीमती बीना उनियाल
पिता : श्री भुवन उनियाल
कक्षा : 2
जन्म : 09.01.2008
स्कूल : बलूनी सोसियल पब्लिक स्कूल, देहरादून, उ.खण्ड
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