अविराम ब्लॉग संकलन, वर्ष : 5, अंक : 05-12, जनवरी-जुलाई 2016
डॉ. सतीश दुबे
सत्रह हाइकु मंत्रम् : सत्तर पार जीवन का आत्मालाप
01.
माँ का चेहरा
कल्पना का सफर
बुढ़ापे तक।
02.
शांत हो जाओ
मन के कोलाहल
माँ यादों में है।
03.
प्रेम की प्यास
भटका मन-मृग
मरीचिका में।
04.
माँ का आँचल
जीवन के संस्कार
पिता की देन।
05.
पिता ने पीया
संघर्ष का जहर
नीलकंठ सा।
06.
समझ वय
कोंपल आगमन
पिता की विदा।
08.
घर न घाट
चेतना की चिंगारी
बताई बाट।
09.
सुखा ही रहा
लगाव पानी बिन
मन का कुंआ।
10.
जीवन पथ
शिक्षा-दीक्षा संधान
मीन की आँख।
12.
उमर बीस
दी सरस्वती माँ ने
ढेरों आशीष
13.
बढ़ा काफिला
शब्द-यात्रा पथ पे
घर के संग।
14.
पथ में मिले
मित्रता के खंजर
ऊर्जा खातिर।
15.
पास से देखे
स्वार्थ-नद में डूबे
धूर्त-सियार।
16.
पाया सबने
बुद्धि, संपदा, मन
खैराती बन।
17.
परिधि कैद
अपनों की उपेक्षा
तन्हा-जीवन।
01.
प्राण-वायु से
जीवन संग रहे
अनेक जन।
01.
देह-मानिंद
आत्मा को देंगे प्यार
अंतिम चाह।
विभा रश्मि
01.
01.
।।हाइकु ।।
सामग्री : इस अंक में डॉ. सतीश दुबे, सुश्री विभा रश्मि एवं श्री रामेश्वर दयाल शर्मा ‘दयाल’ के हाइकु।
डॉ. सतीश दुबे
सत्रह हाइकु मंत्रम् : सत्तर पार जीवन का आत्मालाप
01.
माँ का चेहरा
कल्पना का सफर
बुढ़ापे तक।
02.
शांत हो जाओ
मन के कोलाहल
माँ यादों में है।
03.
प्रेम की प्यास
भटका मन-मृग
मरीचिका में।
04.
माँ का आँचल
जीवन के संस्कार
पिता की देन।
05.
पिता ने पीया
संघर्ष का जहर
नीलकंठ सा।
06.
समझ वय
कोंपल आगमन
पिता की विदा।
08.
घर न घाट
चेतना की चिंगारी
बताई बाट।
09.
सुखा ही रहा
रेखाचित्र : डॉ. सुरेंद्र वर्मा |
लगाव पानी बिन
मन का कुंआ।
10.
जीवन पथ
शिक्षा-दीक्षा संधान
मीन की आँख।
12.
उमर बीस
दी सरस्वती माँ ने
ढेरों आशीष
13.
बढ़ा काफिला
शब्द-यात्रा पथ पे
घर के संग।
14.
पथ में मिले
मित्रता के खंजर
ऊर्जा खातिर।
15.
पास से देखे
स्वार्थ-नद में डूबे
धूर्त-सियार।
16.
पाया सबने
बुद्धि, संपदा, मन
खैराती बन।
17.
परिधि कैद
अपनों की उपेक्षा
तन्हा-जीवन।
01.
प्राण-वायु से
जीवन संग रहे
अनेक जन।
01.
देह-मानिंद
आत्मा को देंगे प्यार
अंतिम चाह।
- 766, सुदामा नगर, इन्दौर-452009 (म.प्र.)/मोबा. 09406852341
विभा रश्मि
01.
भोर के पंछी
उड़ान आशा-भरें,
02.
कीकर-वृक्ष ,
जंगल जलेबी को
तोड़ें बालाएँ।
03.
घना कीकर,
लदा मीठे फल से
स्वादिष्ट बड़े।
04.
रजनी-बाला
कलश छलकाती
आई प्रत्यूषा।
- 201, पराग अपार्टमेन्ट, प्रियदर्शिनी नगर, बैदला, उदयपुर-313011,राज. /मोबाइल: 09414296536
रामेश्वर दयाल शर्मा ‘दयाल’
01.
राष्ट्र महान
लाखों हैं भूखे नंगे
कैसा उत्थान
दुःखी करता
नेताओं का पतन
त्रस्त वतन
03.
देख लो गाँधी
लूट रहे अपने
टूटे सपने
- प्रज्ञा कुंज, 200, इन्द्रापुरम्, करगैना, बरेली-243001, उ.प्र./मोबा. 08899631776
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