सुकेश साहनी
जन्म : 5 सितंबर 1956 को लखनऊ में।
शिक्षा : एम. एस-सी (जियोलॉजी) तथा डी.आई.आई.टी. (एप्लाइड हाइड्रॉलॉजी)।
लेखन/प्रकाशन/योगदान : वरिष्ठ लघुकथाकार साहनी जी लघुकथा के अग्रणी पंक्ति के साहित्यकारों में से हैं, जिनका लघुकथा के विकास एवं उसके मापदण्डों के निर्धारण में विशेष योगदान रहा है। आपने उपन्यास, कहानी, तथा बालकथाओं के लेखन में भी उल्लेखनीय योगदान किया है। साहनी जी की रचनायें लगभग प्रत्येक हिंदी पत्र-पत्रिका में प्रकाशित हुई हैं। ‘डरे हुए लोग’ तथा ’ठंडी रज़ाई’ (दोनो लघुकथा संग्रह), मैग्मा और अन्य कहानियाँ (कहानी संग्रह) एवं ‘अक्ल बड़ी या भैंस’ (बाल-कथा संग्रह)। आपकी कृतियाँ ‘डरे हुए लोग’ पंजाबी, गुजराती, मराठी, अंग्रेज़ी व उर्दू में तथा ’ठंडी रज़ाई’ अंग्रेज़ी व पंजाबी में भी प्रकाशित हो चुकी हैं। कुछ लघुकथाएँ जर्मन भाषा में अनूदित हुई हैं। ख़लील ज़िब्रान की लघुकथाओं और विश्व प्रसिद्ध लेखकों की चर्चित कहानियों का अनुवाद किया है। आपकी ‘रोशनी’ कहानी पर दूरदर्षन के लिए टेलीफिल्म का निर्माण हुआ है। साहनी जी लघुकथाओं के आधे दर्जन से अधिक संकलनों का संपादन कर चुके हैं। वर्तमान में आप और श्री रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ जी लधुकथा की एकमात्र बेव पत्रिका ‘लघुकथा डाट काम (www.laghukatha.com) का सम्पादन कर रहे हैं। अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन का दो बार आयोजन भी कर चुके हैं।
सम्मान : माता शरबती देवी पुरस्कार, बलदेव कौशिक स्मृति सम्मान, डॉ. परमेश्वर गोयल लघुकथा सम्मान आदि कई प्रमुख सम्मानों से विभूषित।
सम्प्रति : भूगर्भ जल विभाग में सीनियर हाइड्रोलॉजिस्ट
संपर्क : 193/21, सिविल लाइन्स, बरेली-243001 (उ.प्र.)
फोन : 0933528003
ई मेल : sahnisukesh@gmai.com
अविराम में प्रकाशन
मुद्रित अंक : दिसम्बर 2011 अंक में तीन लघुकथाएं- ‘बिरादरी’, ‘स्वीकारोक्ति’ एवं ‘आईना’।
ब्लॉग संस्करण : नवम्बर 2011 अंक में लघुकथा ‘ठंडी रजाई’।
अप्रैल-मई 2012 अंक में लघुकथा ‘विजेता’।
जन्म : 5 सितंबर 1956 को लखनऊ में।
शिक्षा : एम. एस-सी (जियोलॉजी) तथा डी.आई.आई.टी. (एप्लाइड हाइड्रॉलॉजी)।
लेखन/प्रकाशन/योगदान : वरिष्ठ लघुकथाकार साहनी जी लघुकथा के अग्रणी पंक्ति के साहित्यकारों में से हैं, जिनका लघुकथा के विकास एवं उसके मापदण्डों के निर्धारण में विशेष योगदान रहा है। आपने उपन्यास, कहानी, तथा बालकथाओं के लेखन में भी उल्लेखनीय योगदान किया है। साहनी जी की रचनायें लगभग प्रत्येक हिंदी पत्र-पत्रिका में प्रकाशित हुई हैं। ‘डरे हुए लोग’ तथा ’ठंडी रज़ाई’ (दोनो लघुकथा संग्रह), मैग्मा और अन्य कहानियाँ (कहानी संग्रह) एवं ‘अक्ल बड़ी या भैंस’ (बाल-कथा संग्रह)। आपकी कृतियाँ ‘डरे हुए लोग’ पंजाबी, गुजराती, मराठी, अंग्रेज़ी व उर्दू में तथा ’ठंडी रज़ाई’ अंग्रेज़ी व पंजाबी में भी प्रकाशित हो चुकी हैं। कुछ लघुकथाएँ जर्मन भाषा में अनूदित हुई हैं। ख़लील ज़िब्रान की लघुकथाओं और विश्व प्रसिद्ध लेखकों की चर्चित कहानियों का अनुवाद किया है। आपकी ‘रोशनी’ कहानी पर दूरदर्षन के लिए टेलीफिल्म का निर्माण हुआ है। साहनी जी लघुकथाओं के आधे दर्जन से अधिक संकलनों का संपादन कर चुके हैं। वर्तमान में आप और श्री रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ जी लधुकथा की एकमात्र बेव पत्रिका ‘लघुकथा डाट काम (www.laghukatha.com) का सम्पादन कर रहे हैं। अखिल भारतीय लघुकथा सम्मेलन का दो बार आयोजन भी कर चुके हैं।
सम्मान : माता शरबती देवी पुरस्कार, बलदेव कौशिक स्मृति सम्मान, डॉ. परमेश्वर गोयल लघुकथा सम्मान आदि कई प्रमुख सम्मानों से विभूषित।
सम्प्रति : भूगर्भ जल विभाग में सीनियर हाइड्रोलॉजिस्ट
संपर्क : 193/21, सिविल लाइन्स, बरेली-243001 (उ.प्र.)
फोन : 0933528003
ई मेल : sahnisukesh@gmai.com
अविराम में प्रकाशन
मुद्रित अंक : दिसम्बर 2011 अंक में तीन लघुकथाएं- ‘बिरादरी’, ‘स्वीकारोक्ति’ एवं ‘आईना’।
ब्लॉग संस्करण : नवम्बर 2011 अंक में लघुकथा ‘ठंडी रजाई’।
अप्रैल-मई 2012 अंक में लघुकथा ‘विजेता’।
नोट : १. परिचय के शीर्षक के साथ दी गयी क्रम संख्या हमारे कंप्यूटर में संयोगवश आबंटित आपकी फाइल संख्या है. इसका और कोई अर्थ नहीं है।
२. उपरोक्त परिचय हमें भेजे गए अथवा हमारे द्वारा विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है. किसी भी त्रुटि के लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं. त्रुटि के बारे में रचनाकार द्वारा हमें सूचित करने पर संशोधन कर दिया जायेगा। यदि रचनाकार अपने परिचय में कुछ अन्य सूचना शामिल करना चाहते हैं, तो इसी पोस्ट के साथ के टिपण्णी कॉलम में दर्ज कर सकते हैं। यदि किसी रचनाकार को अपने परिचय के इस प्रकाशन पर आपत्ति हो, तो हमें सूचित कर दें, हम आपका परिचय हटा देंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें