किशन कबीरा
जन्म : 04.03.1956, राजसमन्द, राजस्थान।
लेखन/प्रकाशन/योगदान : मूलतः कवि। समकालीन कविता के प्रमुख हस्ताक्षर। हिन्दी की अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कविताओं का प्रकाशन एवं आकाशवाणी से प्रसारण। ‘सूरज नहीं हो तुम’, ‘छलनी हुए शब्द’ तथा ‘दलित टोला’ प्रकाशित कविता संग्रह।
सम्प्रति : नर्सिंग अधीक्षक (प्रथम श्रेणी)।
सम्पर्क : कबीरा कॉटेज, कबूतर खाने के पास, राजसमन्द-313324 (राज.)
फोन : 02952-220608 / मोबाइल : 09414328661
अविराम में प्रकाशन
मुद्रित अंक : दिसम्बर 2011 अंक में तीन कविताएँ- मैंने जला लिया है अलाव / शेषनाग / बेटी।
जुलाई-सितम्बर 2012 अंक में कविता- जब उन्हें जरूरत होती है।
ब्लॉग संस्करण : नवम्बर 2011 अंक में कविता- ‘एकलव्य और अर्जुन’।
जन्म : 04.03.1956, राजसमन्द, राजस्थान।
लेखन/प्रकाशन/योगदान : मूलतः कवि। समकालीन कविता के प्रमुख हस्ताक्षर। हिन्दी की अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कविताओं का प्रकाशन एवं आकाशवाणी से प्रसारण। ‘सूरज नहीं हो तुम’, ‘छलनी हुए शब्द’ तथा ‘दलित टोला’ प्रकाशित कविता संग्रह।
सम्प्रति : नर्सिंग अधीक्षक (प्रथम श्रेणी)।
सम्पर्क : कबीरा कॉटेज, कबूतर खाने के पास, राजसमन्द-313324 (राज.)
फोन : 02952-220608 / मोबाइल : 09414328661
अविराम में प्रकाशन
मुद्रित अंक : दिसम्बर 2011 अंक में तीन कविताएँ- मैंने जला लिया है अलाव / शेषनाग / बेटी।
जुलाई-सितम्बर 2012 अंक में कविता- जब उन्हें जरूरत होती है।
ब्लॉग संस्करण : नवम्बर 2011 अंक में कविता- ‘एकलव्य और अर्जुन’।
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