अविराम ब्लॉग संकलन, वर्ष : 6, अंक : 05-06, जनवरी-फ़रवरी 2017
डॉ. अशोक भाटिया
एक
बेटी नाराज़ थी।
पापा ने पूछा- क्यों नाराज हो?
बेटी चुप।
-केबल की तार काट दी, इसलिए?
-हाँ।
-स्कूल के टेस्ट हो जाएं, फिर लगा देंगे।
-बेटी चुप।
-कल तू सोने आई, तो मैं उठकर तेरे भाई के पास चला गया, इसलिए?
-हाँ, आप उसे ज्यादा प्यार करते हो।
-(हँसकर) ऐसा नहीं है। वो छोटा है न, इसलिए।
-पर मैंने सोने से पहले आपको लातें जो मारनी थीं। उसके बिना मुझे नींद नहीं आती।
सुनकर पापा के साथ बेटी भी हँसने लगी।
दो
महिमा खेल रही थी। उसने एक खिलौना अपनी माँ की ओर बढ़ाते हुए कहा- ‘‘मम्मी, ये काक्का है, इस्को निन्नी करा दो!’’
माँ खिलौने को गले से लगाकर थपकाने लगी।
महिमा एक पल तो देखती रही। अचानक उसने खिलौने को खींच लिया।
‘‘यह गंदा है, हट!’’ कहते हुए उसने उसे ज़मीन पर पटक दिया और अपनी माँ की गोद में बैठ गई।
- 1882, सेक्टर-13, अरबन स्टेट, करनाल-132001, हरि./मोबा. 09416152100
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