अविराम ब्लॉग संकलन, वर्ष : 6, अंक : 05-06, जनवरी-फ़रवरी 2017
डॉ. कपिलेश भोज
तुम्हारा मुस्कुरा कर मिलना
जैसे
सहसा उमंगों का समंदर
लहरा कर
आ गया हो पास
और
तुम्हारा चंद कदम साथ चलना
जैसे
भीतर उमड़ पड़ा हो
ऊर्जा का ज्वार
फिर तुम्हारा बोलना
जैसे
रातरानी की गंध से
गमक उठा हो
ताज़ा हवा का
एक स्नेहिल झोंका...
जैसे
सहसा उमंगों का समंदर
लहरा कर
आ गया हो पास
और
तुम्हारा चंद कदम साथ चलना
जैसे
भीतर उमड़ पड़ा हो
ऊर्जा का ज्वार
फिर तुम्हारा बोलना
जैसे
रातरानी की गंध से
गमक उठा हो
ताज़ा हवा का
रेखाचित्र : रमेश गौतम |
एक स्नेहिल झोंका...
तलाशकभी कौसानी
कभी सोमेश्वर
कभी अल्मोड़ा
कभी नैनीताल की
जानी-पहचानी सड़कों
और कभी
किसी निचाट दुपहरी में
अपने गाँव लखनाड़ी के
दरख़्तों के बीच गुजरती
ख़ामोश पगडंडी पर
चहलक़दमी करते हुए
किसे ढूँढ़ रहा हूँ मैं
और
बार-बार क्यों लौट आता हूँ
रीता का रीता
प्रकृति की मोहकता भी
क्यों नहीं दे पा रही
मुझे सुकून
आख़िर कब मिलेंगे मुझे
अपनत्व भरे हृदय
और/कब दिखेंगे
स्नेह से छलछलाते नयन...
और कब तक रहेगी जारी
यह तलाश...
कभी सोमेश्वर
कभी अल्मोड़ा
कभी नैनीताल की
जानी-पहचानी सड़कों
और कभी
किसी निचाट दुपहरी में
अपने गाँव लखनाड़ी के
दरख़्तों के बीच गुजरती
ख़ामोश पगडंडी पर
चहलक़दमी करते हुए
किसे ढूँढ़ रहा हूँ मैं
और
बार-बार क्यों लौट आता हूँ
रीता का रीता
प्रकृति की मोहकता भी
क्यों नहीं दे पा रही
मुझे सुकून
आख़िर कब मिलेंगे मुझे
अपनत्व भरे हृदय
और/कब दिखेंगे
स्नेह से छलछलाते नयन...
और कब तक रहेगी जारी
यह तलाश...
- सोमेश्वर, जिला अल्मोड़ा-263637 (उत्तराखण्ड)/मोबा. 08958983636
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