अविराम ब्लॉग संकलन, वर्ष : 6, अंक : 07-10, मार्च-जून 2017
।।हाइकु।।
डॉ. सुधा गुप्ता
01.
लिखते पेड़
हरियाले पन्ने पे
प्रेम की पाती।
02.
चितेरे! तूने
हरा रंग बिखेरा
मुट्ठी भर के!
03.
प्रकृति परी
कहाँ पाई तूने ये
जादू की छड़ी।
04.
हवा में भरी
बारूद की दुर्गंध
खोया वसंत।
05.
डूब गई लो
खौलते सागर में
रेखाचित्र : बी.मोहन नेगी |
जीवन-तरी।
06.
पेड़ जो कटे
उजड़े आशियाने
रूठी गौरैया।
07.
मन मौजी है
जंगल को गाने दो
अपना गीत।
- 120 बी/2, साकेत, मेरठ (उ.प्र.)/फोन 0121-2654749
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