अविराम ब्लॉग संकलन, वर्ष : 6, अंक : 07-10, मार्च-जून 2017
।। कथा प्रवाह ।।
डॉ. मधुकांत
दर्द
‘‘मम्मी, ये कवि क्या होता है?’’ बच्ची ने जिज्ञासा प्रकट की।
‘‘जो कविता लिखता है उसे हम कवि कहते हैं...’’ माँ ने उसे प्यार से समझाया।
‘‘क्यों लिखता है वह कविता....?’’
‘‘बेटी, उसका मन करता है... वह कुछ कहना चाहता है...।’’
‘‘क्या कहना चाहता है मम्मी...?’’
‘‘उसके दिल में एक दर्द होता है...’’ उसने प्रश्न को अपने पर ओढ़ लिया।
‘‘दर्द क्या होता है मम्मी... ब्लेड से कटी उंगली जैसा...?’’
‘‘नहीं बेटी, वो मन का दर्द होता है... अच्छा तू सो जा अब... बड़ी होगी तो सब अपने आप समझ जायेगी...’’ -कहते हुए बच्ची को उसने सीने से चिपका लिया।
- डॉ. अनूप बंसल ‘मधुकान्त’, 211-एल, मॉडल टाउन, डबल पार्क, रोहतक (हरि.)/मो. 09896667714
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