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मंगलवार, 3 अक्टूबर 2017

अविराम विस्तारित

अविराम  ब्लॉग संकलन,  वर्ष  :  6,   अंक  :  07-10,  मार्च-जून 2017



।।कविता अनवरत।।


तोबदन 




लाहुल बहुत बदल गया है 

लाहुल कभी था कहलाता 
पिछड़ा इलाका 
अब है यह बहुत बदल गया। 

जौ था काठू था सब अपना था 
अब आलू है मटर है 
फसल सब कैश हो गया। 
लाहुल बहुत बदल गया।। 

भेड़ था बकरी था 
पुराना माल सब बेच दिया 
दशहरे में ढालपुर में
रैग का ढेर सब खंगाल लिया। 
लाहुल बहुत बदल गया।। 

घोडा था खच्चर था 
झंझट सब छोड़ दिया 
गाड़ी मोटर सबके घर पहुँच गया। 
लाहुल बहुत बदल गया।। 

काम था कमर तोड बोझ था 
मजदूर अब कोई रहा नहीं 
कामगार सब अफसर हो गया। 
लाहुल बहुत बदल गया।। 

खेत था दांग था 
ठेके पर सब दे दिया 
बाकी बचा जो 
नेपाल और बिहार हो गया। 
लाहुल बहुत बदल गया।।
शाम हो गई रात होने में देर नहीं 
ऊठी (तांबे पीतल का बडा घड़ा)
आजकल भरी जाती नहीं 
हर मोड पर ठेका, खुल गया है।                                                              
लाहुल बहुत बदल गया।।

लिस्ट में हैलीकॉप्टर के/नम्बर आ गया 
रिश्तेदारों से मिलने का वक्त नहीं 
भारी बर्फ में भी 
कुल्लू से लाहुल लाहुल से कुल्लू 
टब अकसर आना जाना हो गया। 
छायाचित्र : उमेश महादोषी  
लाहुल बहुत बदल गया।।

बोली है अपनी भाषा है 
पार्टी में ओछी बनाती है। 
अंग्रेजी है लंगडी भी/ऐंठ तो लाती है 
फौरन का फैशन हो गया। 
लाहुल बहुत बदल गया।। 

रोहतांग/कठिन और खतरनाक जोत है 
हर बर्ष यात्री उस पर/कई मर जाते हैं 
शुक्र है रास्ता पुराना छूट गया 
आवागमन नजदीक
अब टनल से हो गया। 
लाहुल बहुत बदल गया।।
  • मियां बेहड़, ढालपुर, कुल्लु-175101, हि. प्र./मो. 09418346871

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