।।कविता अनवरत।।
तेजराम शर्मा
सैक्टर के छोर पर अस्पताल
सैक्टर के छोर पर
बहुत बड़ा अस्पताल खुल गया है
चार-दिवारी ने घेर लिया है
आधे सैक्टर को
भीतर पूरा का पूरा आकाश
उसके घेरे में
अस्पताल की खिड़की से
वर्षा की फुहार में
मटमैली बूँदे टपकती है छत से
आँखों से
अस्पताल की सीमाओं के
बहुत दूर से आती
रोशनदान से झाँकती
सूरज की एक किरण
पड़ती है पट्टियों से बँधी
बीमार आँखों पर
कितना भी अँधेरा क्यों ना हो वार्ड में
कुछ क्षणों के लिए ही सही
अनन्त आकाश का साम्राज्य
आ जाता है बंद आँखों के घेरे में
आशंकाओं भरी
अस्पताल की हवा में
दर्द और दवा की मिश्रित बू
सदा ही परेशान करती है
फिर भी प्रथम फुहार की
सौंधी गंध/बाहर की ख़बर दे जाती है
सारा दिन
अपनी ही कराह के स्वरों में
उलझा रहता है अस्पताल
फिर भी सुबह-शाम
स्कूल और
मंदिर की घंटियों के स्वरों का
रहता है इन्तजार रोगियों को
जीवन और मृत्यु
आस-पास के बिस्तर पर
बतियाते रहते हैं देर रात तक
सुबह उठ कर आस-पास वाले
छायाचित्र : उमेश महादोषी |
दबी आवाज़ में इशारा करते हैं
खाली हुए बिस्तर की ओर
शाम ढले जब
मिलने वाले अस्पताल आते हैं
तो कुछ समय के लिए
घर बन जाता है अस्पताल
अस्पताल
अब बहुत पास हो गया है
दूरी बहुत कम हो गई है
अस्पताल और घर के बीच
- श्री राम कृष्ण भवन, अनाडेल, शिमला-171003, हि.प्र./मो. 09418573611
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें