पूरन मुदगल
जन्म : 24.12.1931 को फ़ाज़िल्का (पंजाब) में।
शिक्षा : एम.ए (हिन्दी) एवं बी.टी.।
लेखन/प्रकाशन/योगदान : लघुकथा एवं कविता में समान रूप से लेखन। अनुवाद कार्य में भी दख़ल। प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। निरंतर इतिहास (लघुकथा संग्रह), अश्व लौट आएगा, ठहरा हुआ सच, एक चिड़िया उसके भीतर, नचिकेता अपना-अपना (सभी कविता संग्रह), पहला झूठ (नवसाक्षरों के लिए, कथा संग्रह) एवं शब्द के आठ कदम (आलोचनात्मक जीवनी) आपकी प्रमुख प्रकाशित कृतियाँ हैं। स्वामी केशवानन्द (जीवनी) एवं अपराजेय (उपन्यास) का अंग्रेजी में एवं ‘फर्श विच उग्या रूख’ (पंजाबी नाटक) का हिन्दी में रूपान्तर। ‘अक्षर पैगाम’ पाक्षिक पत्रिका, जागो (साक्षरता गीत) एवं ‘अप्प दीपो भव’ (मुक्तेश की आत्मकथा) का सम्पादन किया।
सम्मान : हरियाणा साहित्य अकादमी सहित अनेक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत/सम्मानित।
संप्रति : खंड शिक्षा अधिकारी के पद से सेवानिवृत होकर समर्पित लेखन।
सम्पर्क : 309, अग्रसेन कालोनी, सिरसा-125055 (हरियाणा)
फोन : 01666-221001 / मोबाइल : 09253100377
अविराम में प्रकाशन
मुद्रित अंक : अप्रैल-जून 2012 अंक में दो लघुकथाएं- ‘बाहर भीतर‘ व ‘अविश्वास’।
ब्लॉग संस्करण : फरवरी 2012 अंक में लघुकथा ‘पहला झूठ’।
जन्म : 24.12.1931 को फ़ाज़िल्का (पंजाब) में।
शिक्षा : एम.ए (हिन्दी) एवं बी.टी.।
लेखन/प्रकाशन/योगदान : लघुकथा एवं कविता में समान रूप से लेखन। अनुवाद कार्य में भी दख़ल। प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। निरंतर इतिहास (लघुकथा संग्रह), अश्व लौट आएगा, ठहरा हुआ सच, एक चिड़िया उसके भीतर, नचिकेता अपना-अपना (सभी कविता संग्रह), पहला झूठ (नवसाक्षरों के लिए, कथा संग्रह) एवं शब्द के आठ कदम (आलोचनात्मक जीवनी) आपकी प्रमुख प्रकाशित कृतियाँ हैं। स्वामी केशवानन्द (जीवनी) एवं अपराजेय (उपन्यास) का अंग्रेजी में एवं ‘फर्श विच उग्या रूख’ (पंजाबी नाटक) का हिन्दी में रूपान्तर। ‘अक्षर पैगाम’ पाक्षिक पत्रिका, जागो (साक्षरता गीत) एवं ‘अप्प दीपो भव’ (मुक्तेश की आत्मकथा) का सम्पादन किया।
सम्मान : हरियाणा साहित्य अकादमी सहित अनेक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत/सम्मानित।
संप्रति : खंड शिक्षा अधिकारी के पद से सेवानिवृत होकर समर्पित लेखन।
सम्पर्क : 309, अग्रसेन कालोनी, सिरसा-125055 (हरियाणा)
फोन : 01666-221001 / मोबाइल : 09253100377
अविराम में प्रकाशन
मुद्रित अंक : अप्रैल-जून 2012 अंक में दो लघुकथाएं- ‘बाहर भीतर‘ व ‘अविश्वास’।
ब्लॉग संस्करण : फरवरी 2012 अंक में लघुकथा ‘पहला झूठ’।
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