विनीत जौहरी ‘बदायूँनी’
जन्म : 7 फरवरी 1962, बदायूँ में।
शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी), एल.एल.बी.।
लेखन/प्रकाशन/योगदान : मूलतः शायर। गीत, दोहा, बाल कविता, लघुकथा, समीक्षा, लेख आदि विधाओं में भी योगदान। मशहूर शायर दाग़ देहलवी साहब के खानदान में जन्मे विनीत जी ने मोहतरम जनाब दिलकश बदायूँनी साहब से ग़ज़ल लिखना सीखा। आपने पत्रकारिता के क्षेत्र में भी योगदान किया है। एक वर्ष अमर उजाला में समाचार संपादक के रूप में कार्य किया। कई अन्य पत्र-पत्रिकाओं के संपादन से भी जुड़े। वर्तमान में साहित्यिक पत्रिका ‘निर्झरिणी’ एवं हास्य-व्यंग्य वार्षिकी ‘हुड़दंग’ के संपादन से संबद्ध हैं। रचनाएँ अनेक पत्र-पत्रिकाओं एवं संकलनों में प्रकाशित। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से प्रसारण। कवि सम्मेलनों/मुशायरों, सेमीनारों सहित अनेक कार्यक्रमों में सहभागिता की। कई साहित्यिक संस्थाओं में सक्रिय भूमिका। आपने ‘हिन्दी एवं उर्दू साहित्य के क्षेत्र में बदायूँ के योगदान का तुलनात्मक अध्ययन’ विषय पर स्वतन्त्र शोध भी किया है।
सम्मान : ‘सुकृति’ संस्था द्वारा 1993 में ग़ज़ल के क्षेत्र में योगदान हेतु ‘बलबीर सिंह रंग पुरस्कार’ से सम्मानित। ‘अखिल भारतीय काव्य कला परिषद’ द्वारा 1985 में ‘काव्य कला रत्न’ की उपाधि। अखिल भारतीय स्तर पर कई रचनाएँ पुरस्कृत।
संप्रति : राजस्व विभाग की सरकारी सेवा से सेवानिवृत्ति के बाद साहित्य लेखन, अध्यापन एवं ज्योतिष के क्षेत्र में कार्यरत।
संपर्क : 193-एफ, लेखनी कुटीर, भटनागर कॉलौनी, सिविल लाइंस, बरेली-243001 (उ.प्र.)
मोबाइल : 09897995818
अविराम में प्रकाशन
ब्लॉग प्रारूप : अक्टूबर 2012 अंक में एक ग़ज़ल।
जन्म : 7 फरवरी 1962, बदायूँ में।
शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी), एल.एल.बी.।
लेखन/प्रकाशन/योगदान : मूलतः शायर। गीत, दोहा, बाल कविता, लघुकथा, समीक्षा, लेख आदि विधाओं में भी योगदान। मशहूर शायर दाग़ देहलवी साहब के खानदान में जन्मे विनीत जी ने मोहतरम जनाब दिलकश बदायूँनी साहब से ग़ज़ल लिखना सीखा। आपने पत्रकारिता के क्षेत्र में भी योगदान किया है। एक वर्ष अमर उजाला में समाचार संपादक के रूप में कार्य किया। कई अन्य पत्र-पत्रिकाओं के संपादन से भी जुड़े। वर्तमान में साहित्यिक पत्रिका ‘निर्झरिणी’ एवं हास्य-व्यंग्य वार्षिकी ‘हुड़दंग’ के संपादन से संबद्ध हैं। रचनाएँ अनेक पत्र-पत्रिकाओं एवं संकलनों में प्रकाशित। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से प्रसारण। कवि सम्मेलनों/मुशायरों, सेमीनारों सहित अनेक कार्यक्रमों में सहभागिता की। कई साहित्यिक संस्थाओं में सक्रिय भूमिका। आपने ‘हिन्दी एवं उर्दू साहित्य के क्षेत्र में बदायूँ के योगदान का तुलनात्मक अध्ययन’ विषय पर स्वतन्त्र शोध भी किया है।
सम्मान : ‘सुकृति’ संस्था द्वारा 1993 में ग़ज़ल के क्षेत्र में योगदान हेतु ‘बलबीर सिंह रंग पुरस्कार’ से सम्मानित। ‘अखिल भारतीय काव्य कला परिषद’ द्वारा 1985 में ‘काव्य कला रत्न’ की उपाधि। अखिल भारतीय स्तर पर कई रचनाएँ पुरस्कृत।
संप्रति : राजस्व विभाग की सरकारी सेवा से सेवानिवृत्ति के बाद साहित्य लेखन, अध्यापन एवं ज्योतिष के क्षेत्र में कार्यरत।
संपर्क : 193-एफ, लेखनी कुटीर, भटनागर कॉलौनी, सिविल लाइंस, बरेली-243001 (उ.प्र.)
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ब्लॉग प्रारूप : अक्टूबर 2012 अंक में एक ग़ज़ल।
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२. उपरोक्त परिचय हमें भेजे गए अथवा हमारे द्वारा विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है. किसी भी त्रुटि के लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं. त्रुटि के बारे में रचनाकार द्वारा हमें सूचित करने पर संशोधन कर दिया जायेगा। यदि रचनाकार अपने परिचय में कुछ अन्य सूचना शामिल करना चाहते हैं, तो इसी पोस्ट के साथ के टिपण्णी कॉलम में दर्ज कर सकते हैं। यदि किसी रचनाकार को अपने परिचय के इस प्रकाशन पर आपत्ति हो, तो हमें सूचित कर दें, हम आपका परिचय हटा देंगे।
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