348. डा. ऊषा उप्पल
जन्म : लाहौर में।
शिक्षा : एम.ए., एम.एड., पी-एच.डी.।
लेखन/प्रकाशन/योगदान : काव्य एवं कथा साहित्य में समान रूप से सृजन। कई प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। संगोष्ठियों में सहभागिता। ‘उद्गार’ (काव्य संग्रह) एवं ‘और अंधेरा छंट गया’ (कहानी संग्रह) प्रकाशित कृतियाँ। संघर्षोन्मुख विकलांगों के जीवन वृतान्त पर आधारित पुस्तक ‘हौसले और उड़ान’ प्रकाशनाधीन। लेखन के साथ शिक्षण, समाज सेवा, संगीत, बागवानी आदि क्षेत्रों में भी सक्रिय। निर्धन विकलांग बच्चों के उत्थान हेतु ‘दिशा विद्यालय, बरेली’ का विगत पन्द्रह वर्षों से संचालन।
सम्मान : कहानी लेखन में कतिपय पुरस्कार। समाज सेवा व शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए रोटरी क्लब सहित अन्य संस्थाओं द्वारा अनेक बार सम्मानित। डा. उप्पल जी का मानना है, जब कोई निर्धन विकलांग बालक/बालिका जीवन में स्थापित होता है और समाज में गर्व से सिर उठाकर जीता है, तो यह मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान होता है। ऐसे अनेक सम्मानों की प्राप्ति का अवसर मिला है।
संप्रति : 34 वर्षों तक शिक्षण कार्य के उपरान्त बरेली कॉलेज से रीडर पद से सेवानिवृति के बाद विभिन्न शिक्षण संस्थानों के मसध्यम से शिक्षण कार्य में संलग्न। साथ ही साहित्य एवं समाज सेवा में कार्यरत।
संपर्क : 159, सिविल लाइन्स, बरेली-134001 (उ.प्र.)
मोबाइल : 09759003374
अविराम में प्रकाशन
ब्लॉग प्रारूप : दिसम्बर 2012 अंक में एक कविता ‘आक्रान्ता’।
जन्म : लाहौर में।
शिक्षा : एम.ए., एम.एड., पी-एच.डी.।
लेखन/प्रकाशन/योगदान : काव्य एवं कथा साहित्य में समान रूप से सृजन। कई प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। संगोष्ठियों में सहभागिता। ‘उद्गार’ (काव्य संग्रह) एवं ‘और अंधेरा छंट गया’ (कहानी संग्रह) प्रकाशित कृतियाँ। संघर्षोन्मुख विकलांगों के जीवन वृतान्त पर आधारित पुस्तक ‘हौसले और उड़ान’ प्रकाशनाधीन। लेखन के साथ शिक्षण, समाज सेवा, संगीत, बागवानी आदि क्षेत्रों में भी सक्रिय। निर्धन विकलांग बच्चों के उत्थान हेतु ‘दिशा विद्यालय, बरेली’ का विगत पन्द्रह वर्षों से संचालन।
सम्मान : कहानी लेखन में कतिपय पुरस्कार। समाज सेवा व शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए रोटरी क्लब सहित अन्य संस्थाओं द्वारा अनेक बार सम्मानित। डा. उप्पल जी का मानना है, जब कोई निर्धन विकलांग बालक/बालिका जीवन में स्थापित होता है और समाज में गर्व से सिर उठाकर जीता है, तो यह मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान होता है। ऐसे अनेक सम्मानों की प्राप्ति का अवसर मिला है।
संप्रति : 34 वर्षों तक शिक्षण कार्य के उपरान्त बरेली कॉलेज से रीडर पद से सेवानिवृति के बाद विभिन्न शिक्षण संस्थानों के मसध्यम से शिक्षण कार्य में संलग्न। साथ ही साहित्य एवं समाज सेवा में कार्यरत।
संपर्क : 159, सिविल लाइन्स, बरेली-134001 (उ.प्र.)
मोबाइल : 09759003374
अविराम में प्रकाशन
ब्लॉग प्रारूप : दिसम्बर 2012 अंक में एक कविता ‘आक्रान्ता’।
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